वर्षा ऋतु कविता-कविता-पुष्प-69-बारिश का मौसम

Started by Atul Kaviraje, September 30, 2022, 09:16:35 PM

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Atul Kaviraje

                                   "वर्षा ऋतु कविता"
                                    कविता-पुष्प-69
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मित्रो,

     आईए मित्रो, सुनते है, पढते है, इस मन-भावन वर्षा ऋतू की कुछ सर्वोत्तम रचनाये. कविता-कोश आपके लिये लाये है, नवं-कवी, श्रेष्ठ कवी, सर्व-श्रेष्ठ कवी, नामचीन-नामांकित, कवी-कवयित्रीयोकी मन-भावन कविताये, रचनाये जिसे पढकर आपका मन आनंद-विभोर हो जायेगा, पुलकित हो जायेगा, उल्हसित हो जायेगा. इन  कविताओकी हल्की, गिली बौछारे आपके तन-मन को भिगो कर एक सुखद आनंद देगी, जो आपको सालो साल याद रहेगी. आईए, तो इन बरसते-तुषारो मे भिग कर कविता का अनोखा आनंद प्राप्त करते है.

                                  "बारिश का मौसम"
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बारिश का मौसम है आया ।
हम बच्चों के मन को भाया ।।

'छु' हो गई गरमी सारी ।
मारें हम मिलकर किलकारी ।।

काग़ज़ की हम नाव चलाएँ ।
छप-छप नाचें और नचाएँ ।।

मज़ा आ गया तगड़ा भारी ।
आँखों में आ गई खुमारी ।।

गरम पकौड़ी मिलकर खाएँ ।
चना चबीना खूब चबाएँ ।।

गरम चाय की चुस्की प्यारी ।
मिट गई मन की ख़ुश्की सारी ।।

बारिश का हम लुत्फ़ उठाएँ ।
सब मिलकर बच्चे बन जाएँ ।।

--दीनदयाल शर्मा
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                                (संदर्भ-श्रेणी:वर्षा ऋतु)
                     (साभार एवं सौजन्य-कविताकोश.ऑर्ग/के.के.)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-30.09.2022-शुक्रवार.