लता मंगेशकर-धुंद मधुमती रात रे, नाथ रे

Started by Atul Kaviraje, September 30, 2022, 09:26:30 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज ऐकुया, "काही गाणी आठवणीतली, काही साठवणीतली !" या गीत-मालिके -अंतर्गत, श्रीमती लता मंगेशकर यांनी गायिलेले एक गीत. या गीताचे शीर्षक आहे- "धुंद मधुमती रात रे, नाथ रे"

                              "धुंद मधुमती रात रे, नाथ रे"
                             --------------------------

धुंद मधुमती रात रे, नाथ रे,
तनमन नाचे, यौवन नाचे
उगवला रजनीचा, नाथ रे, नाथ रे

जल लहरी या धीट धावती
हरित तटांचे ओठ चुंबिती
येइ प्रियकरा, येइ मंदिरा
अलि रमले कमलात रे, नाथ रे

ये रे ये का मग दूर उभा ?
ही घटिकाहि निसटुन जायची
फुलतील लाखो तारा,
परि ही रात कधि कधि ना यायची
चषक सुधेचा ओठी लावुनि
कटीभंवती धरि हात रे, नाथ रे

=============
गीत : ग. दि. माडगूळकर
संगीत : मा. कृष्णराव
स्वर : लता मंगेशकर
=============

--प्रकाशक : शंतनू देव
(MONDAY, JULY 4, 2011)
----------------------------

                (साभार आणि सौजन्य-माणिक-मोती.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                           (संदर्भ-♫ गाणीमराठी.com ♫♪)
               -----------------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-30.09.2022-शुक्रवार.