हिंदी कविता-पुष्प क्रमांक-33-किसी का साथ दे पाओ तो बेहतर है

Started by Atul Kaviraje, October 01, 2022, 09:31:48 PM

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Atul Kaviraje

                                     "हिंदी कविता"
                                    पुष्प क्रमांक-33
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मित्रो,

     आईए सुनतें है, पढते है, कुछ दिलचस्प रचनाये, कविताये. प्रस्तुत है कविताका पुष्प क्रमांक-33. इस कविता का शीर्षक है- "किसी का साथ दे पाओ तो बेहतर है"

                            "किसी का साथ दे पाओ तो बेहतर है"
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किसी का सहारा ना बन के ...
साथ दे पाओ तो बेहतर है ..
उजाले में तो सभी मिलते हैं गले ...
अंधेरों में हाथ दे पाओ तो बेहतर है .

कुछ लोगों को नहीं है दरकार..
किसी कीमती तोहफे की यहां...
इस भागती दौड़ती दुनिया में..
तुम उन्हें अपने कीमती वक़्त की ...
ज़रा सी सौगात दे पाओ तो बेहतर है ..
कुछ खामोशियों में छुपी होती हैं कई बातें..
हंसते हुए चेहरों के पीछे कई दर्द पलते हैं ..
यूं तो मुमकिन नहीं है हर दिल को समझ पाना यहां ..
तुम समझने की कुछ कोशिश भी कर पाओ तो बेहतर है ..

--रंगरेझ
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               (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-फंकी लाईफ.इन/हिंदी-पोएटरी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-01.10.2022-शनिवार.