आशा भोसले-जिवलगा, कधि रे येशील तू ?

Started by Atul Kaviraje, October 03, 2022, 08:53:07 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

 मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज ऐकुया, "काही गाणी आठवणीतली, काही साठवणीतली !" या गीत-मालिके -अंतर्गत, श्रीमती आशा भोसले यांनी गायिलेले एक गीत. या गीताचे शीर्षक आहे- "जिवलगा, कधि रे येशील तू ?"

                              "जिवलगा, कधि रे येशील तू ?"
                             ----------------------------

दिवसामागूनि दिवस चालले, ऋतू मागूनी ऋतू
जिवलगा, कधि रे येशील तू ?

धरेस भिजवुन गेल्या धारा
फुलून जाइचा सुके फुलवरा
नभ धरणीसी जोडुन गेले सप्तरंग सेतू !
जिवलगा, कधि रे येशील तू ?

शारदशोभा आली, गेली
रजनीगंधा फुलली, सुकली
चंद्रकलेसम वाढुन विरले अंतरीचे हेतू !
जिवलगा, कधि रे येशील तू ?

हेमंती तर नुरली हिरवळ
शिशीर करी या शरिरा दुर्बळ
पुन्हा वसंती डोलू लागे प्रेमांकित केतू !
जिवलगा, कधि रे येशील तू ?

पुनरपि ग्रीष्मी तीच काहीली
मेघावली नभि पुनरपि आली
पुनश्च वर्षा लागे अमृत विरहावर ओतू !
जिवलगा, कधि रे येशील तू ?

============
गीत :ग.दि.माडगूळकर
संगीत : सुधीर फडके
स्वर : आशा भोसले
============

--प्रकाशक : शंतनू देव
---------------------

                (साभार आणि सौजन्य-माणिक-मोती.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                            (संदर्भ-♫ गाणीमराठी.com ♫♪)
               -----------------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-03.10.2022-सोमवार.