लफ़्ज़ों का खेल-जंगली-दिन सारा गुज़ारा तोरे अंगना

Started by Atul Kaviraje, October 04, 2022, 09:23:45 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                     "लफ़्ज़ों का खेल"
                                    ----------------

मित्रो,

     आज सुनते है, "लफ़्ज़ों का खेल" इस शीर्षक के अंतर्गत, "लता मंगेशकर" व श्री           "मो.रफ़ी" की आवाज मे "जंगली" फिल्म का गीत.

                              "दिन सारा गुज़ारा तोरे अंगना"
                             ---------------------------

दिन सारा गुज़ारा तोरे अंगना
अब जाने दे मुझे मोरे सजना
मेरे यार शब्बा-ख़ैर
मेरे यार शब्बा-ख़ैर
हो मेरे यार शब्बा-ख़ैर
मेरे यार शब्बा-ख़ैर

आसान है जाना महफ़िल से
कैसे जाओगे निकल कर दिल से
मेरे यार शब्बा-ख़ैर
मेरे यार शब्बा-ख़ैर
हो मेरे यार शब्बा-ख़ैर
मेरे यार शब्बा-ख़ैर

ओ दिलबर दिल तो कहे
तेरी राहों को रोक लूँ मैं
आई बिरहा की रात अब
बतला दे क्या करूँ मैं
याद आयेंगी ये बातें तुम्हारी
तड़पेगी मोहब्बत हमारी
मेरे यार शब्बा-ख़ैर...

मैं धरती तू आसमान
मेरी हस्ती पे छा गया तू
सीने के सुर्ख बाग में
दिल बन के आ गया तू
अब रहने दे निगाहों में मस्ती
हो बसा ली मैंने ख्वाबों की बस्ती
मेरे यार शब्बा-ख़ैर...

ये चंचल ये हसीन रात
हाय काश आज न आती
हर दिन के बाद रात है
इक दिन तो ठहर जाती
कोई हमसे बिछड़ के न जाता
जीना का मज़ा आ जाता
मेरे यार शब्बा-ख़ैर...

====================
दिन सारा गुज़ारा - 
Movie/Album: जंगली (1961)
Music By: शंकर-जयकिशन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By:मो.रफ़ी,लता मंगेशकर
====================

              (साभार एवं सौजन्य-हिंदी लैरिकस प्रतीक.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                      (संदर्भ-Lyrics In Hindi-लफ़्ज़ों का खेल)
             ---------------------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-04.10.2022-मंगळवार.