हिंदी कविता-पुष्प क्रमांक-37-खुशहाल जीवन जीने के तरीक़े बताती

Started by Atul Kaviraje, October 05, 2022, 09:47:45 PM

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Atul Kaviraje

                                     "हिंदी कविता"
                                    पुष्प क्रमांक-37
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मित्रो,

     आईए सुनतें है, पढते है, कुछ दिलचस्प रचनाये, कविताये. प्रस्तुत है कविताका पुष्प क्रमांक-37. इस कविता का शीर्षक है- "खुशहाल जीवन जीने के तरीक़े बताती"

                          "खुशहाल जीवन जीने के तरीक़े बताती"
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हर नक़्श ज़हन से मिटा के सोया कर।
तू ये सारी दुनिया भुला के सोया कर।

क्या खोया क्या पाया क्या ढूँढ रहा है।
खुदा को सब कुछ बता के सोया कर।

नींद भले कितनी ही गहरी हो जाये।
पर ख्वाबों को जगा के सोया कर।

मखमली अहसास तुझे सोने नही देगा।
ज़मीन पर बिस्तर बिछा के सोया कर।

कल फिर से मुलाक़ात दुनिया से होगी।
ये चराग ए उम्मीद जला के सोया कर।

दिए की लौ हर शब् बुझ ही जाती है।
एक आग सीने में लगा के सोया कर।

मशीनी दौर में अहसास न मर जाएँ।
दो चार आँसू भी बहा के सोया कर।

--भुनेश्वर
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               (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-फंकी लाईफ.इन/हिंदी-पोएटरी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-05.10.2022-बुधवार.