लफ़्ज़ों का खेल-जंगली-काश्मीर की कली हूँ

Started by Atul Kaviraje, October 05, 2022, 09:57:55 PM

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Atul Kaviraje

                                     "लफ़्ज़ों का खेल"
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मित्रो,

     आज सुनते है, "लफ़्ज़ों का खेल" इस शीर्षक के अंतर्गत, "लता मंगेशकर" की आवाज मे "जंगली" फिल्म का गीत.

                                 "काश्मीर की कली हूँ"
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काश्मीर की कली हूँ मैं
मुझसे ना रूठो बाबूजी
मुरझा गयी तो फिर ना खिलूँगी
कभी नहीं, कभी नहीं, कभी नहीं
काश्मीर की कली...

रंगत मेरी बहारों में
दिल की आग चनारों में
कुछ तो हमसे बात करो
इन बहके गुलज़ारों में
काश्मीर की कली...

प्यार पे गुस्सा करते हो
तेरा गुस्सा हमको प्यारा है
यही अदा तो कातिल है
जिसने हमको मारा है
काश्मीर की कली...

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काश्मीर की कली हूँ - Kaashmir Ki Kali Hoon 
Movie/Album: जंगली (1961)
Music By: शंकर-जयकिशन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By: लता मंगेशकर
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              (साभार एवं सौजन्य-हिंदी लैरिकस प्रतीक.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                     (संदर्भ-Lyrics In Hindi-लफ़्ज़ों का खेल)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-05.10.2022-बुधवार.