मेरी नज़र से-ज़िंदगी का सबक सिखाता-दिसम्बर और जनवरी का महीना

Started by Atul Kaviraje, October 09, 2022, 09:53:20 PM

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Atul Kaviraje

                                     "मेरी नज़र से"
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मित्रो,

     आज पढते है, कामिनी सिन्हा, इनके "मेरी नज़र से" इस ब्लॉग का एक लेख. इस लेख का शीर्षक है- "ज़िंदगी का सबक सिखाता "-दिसम्बर और जनवरी का महीना--"

               "ज़िंदगी का सबक सिखाता "-दिसम्बर और जनवरी का महीना--
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     एक और साल अपने नियत अवधि पर समाप्त हो जाने को है और एक नया साल दस्तक  दे  रहा है। बस....एक रात और कैलेंडर पर तारीखें  बदल जायेगी। दिसम्बर और जनवरी महीने की कुछ अलग ही खासियत होती है। कहने को तो ये भी दो महीने ही तो है पर.....साल के सारे महीनो को बंधे रखते हैं। दोस्तों , क्या आप को भी लगता है कि - इन दोनों के बीच एक खास रिश्ता है ?

     मुझे लगता है...इन दोनों के बीच एक खास रिश्ता है बिलकुल रात और दिन के जैसे। दोनों एक ही धागे के दो सिरे ही तो है...कहने को दोनों दूर है...फिर भी एक दूसरे के साथ बंधे रहते हैं...दोनों के  बीच कभी  ना ख़त्म होने वाला एक रिश्ता होता है। जब ये दो महीने दूर जाते हैं...तो साल बदल जाते हैं और...जब पास आते हैं  तो आस बदल जाते हैं....एक का अंत हो रहा होता है तो दूसरे का आरंभ....। देखने में तो  ये दोनों एक से ही तो लगते हैं..एक  सा मौसम और एक  जितनी  ही  तारीखें.....बस, दोनों के अंदाज़ अलग होते हैं।  एक में ढेरों यादें होती है तो दूसरे में अनेको वादें। 

--कामिनी सिन्हा 
(रविवार, 23 दिसंबर 2018)
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         (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-द्रीष्टीकोन एक नजरिया.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-09.10.2022-रविवार.