प्रतिभा की दुनिया ...-कविता-एक तुम्हारा होना

Started by Atul Kaviraje, October 09, 2022, 09:57:50 PM

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Atul Kaviraje

                                   "प्रतिभा की दुनिया ..."
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मित्रो,

     आज पढते है, प्रतिभा कटियार, इनके "प्रतिभा की दुनिया ..." इस ब्लॉग की एक कविता. इस कविताका शीर्षक है- "एक तुम्हारा होना"

                                    एक तुम्हारा होना--
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एक तुम्हारा होना
क्या से क्या कर देता है
बेजुबान छत दीवारों को
घर कर देता है

खाली शब्दों में
आता है
ऐसा अर्थ पिरोना
गीत बन गया सा
लगता है

घर का कोना कोना
एक तुम्हारा होना
सपनों को स्वर देता है
आरोहों अवरोहों से

समझाने
लगती है
तुमसे जुड़कर
चीज़ें भी

बतियाने लगाती है
एक तुम्हारा होना
अपनापन भर देता है
एक तुम्हारा होना
क्या से क्या कर देता है

--प्रतिभा कटियार
(Friday, December 19, 2008)
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             (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-प्रतिभा कटियार.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-09.10.2022-रविवार.