हिंदी कविता-पुष्प क्रमांक-42-प्यार करना है तो खुद से कर

Started by Atul Kaviraje, October 10, 2022, 09:01:34 PM

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Atul Kaviraje

                                    "हिंदी कविता"
                                   पुष्प क्रमांक-42
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मित्रो,

     आईए सुनतें है, पढते है, कुछ दिलचस्प रचनाये, कविताये. प्रस्तुत है कविताका पुष्प क्रमांक-42. इस कविता का शीर्षक है- "प्यार करना है तो खुद से कर"

(लोग बाधाएं उत्पन्न करेंगे लेकिन आप ध्यान खुद पर होना चाहिए बताती हिंदी कविता)
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                             "प्यार करना है तो खुद से कर"
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तू अपनी खूबियां ढूंढ,
कमियां निकालने के लिए *लोग हैं।*

अगर रखना ही है कदम तो आगे रख,
पीछे खींचने के लिए *लोग हैं।*

सपने देखने ही है तो ऊंचे देख,
निचा दिखाने के लिए *लोग हैं।*

अपने अंदर जुनून की चिंगारी भड़का,
जलने के लिए *लोग हैं।*

अगर बनानी है तो यादें बना,
बातें बनाने के लिए *लोग हैं।*

प्यार करना है तो खुद से कर,
दुश्मनी करने के लिए *लोग है।*

--AUTHOR UNKNOWN
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               (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-फंकी लाईफ.इन/हिंदी-पोएटरी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-10.10.2022-सोमवार.