अरुण दाते-असेन मी, नसेन मी

Started by Atul Kaviraje, October 11, 2022, 09:17:35 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

 मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज ऐकुया, "काही गाणी आठवणीतली, काही साठवणीतली !" या गीत-मालिके -अंतर्गत, श्री.अरुण दाते यांनी गायिलेले एक गीत. या गीताचे शीर्षक आहे- "असेन मी, नसेन मी"

                                 "असेन मी, नसेन मी"
                                --------------------

असेन मी, नसेन मी, तरी असेल गीत हे
फुलाफुलांत येथल्या, उद्या हसेल गीत हे

हवेत ऊन भोवती सुवास धुंद दाटले
तसेच काहिसे मनी तुला बघून वाटले
तृणांत फूलपाखरू तसे बसेल गीत हे
असेन मी, नसेन मी, तरी असेल गीत हे

स्वये मनात जागते न सूर ताल मागते
अबोल राहुनी स्वत: अबोध सर्व सांगते
उन्हे जळात हालती तिथे दिसेल गीत हे
असेन मी, नसेन मी, तरी असेल गीत हे

कुणास काय ठाउके कसे कुठे उद्या असू ?
निळ्या नभात रेखली नकोस भावना पुसू
तुझ्या मनीच राहिले तुला कळेल गीत हे
असेन मी, नसेन मी, तरी असेल गीत हे

==========
गीत : शान्‍ता शेळके
संगीत : यशवंत देव
स्वर : अरुण दाते
==========

--प्रकाशक : शंतनू देव
(THURSDAY, JUNE 16, 2011)
--------------------------------

                (साभार आणि सौजन्य-माणिक-मोती.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                            (संदर्भ-♫ गाणीमराठी.com ♫♪)
               -----------------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-11.10.2022-मंगळवार.