इतर कविता-(क्रमांक-11)-ज़रा चुकीचे ज़रा बरोबर

Started by Atul Kaviraje, October 11, 2022, 09:23:06 PM

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Atul Kaviraje

                                      इतर कविता 
                                     (क्रमांक-11)
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     "इतर  कविता"  अंतर्गत  मी  इतर  कवींच्या  कविता  आपणापुढे  सादर  करीत आहे .

                               ज़रा चुकीचे ज़रा बरोबर
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जरा चुकीचे, जरा बरोबर , बोलू काही.....
चला दोस्त हो ; आयुष्या वर बोलू काही......

उगाच वळसे शब्दांचे हे देत रहा तू ..
उगाच वळसे शब्दांचे हे देत रहा तू ....
भीडले नाहीत डोळे तोवर , बोलू काही......
चला दोस्त हो ; आयुष्या वर बोलू काही..........

तूफान पाहून तीरा वर , कुजबुज्ल्या होडया ..
तूफान पाहून तीरा वर , कुजबुज्ल्या होडया ....
पाठ फीरू दे त्याची, नंतर बोलू काही........
चला दोस्त हो ;आयुष्या वर बोलू काही..........

हवे-हवे से दुखः तुला जर, हवेच आहे ..
हवे-हवे से दुखः तुला जर, हवेच आहे ....
नको-नको से हळवे कातर, बोलू काही.......
चला दोस्त हो ; आयुष्या वर बोलू काही..........

"उदया-उदया" ची कीती काळजी , बघ रांगेतुन..
"उदया-उदया "ची कीती काळजी , बघ रांगेतुन....
"परवा" आहे "उदया"च नंतर, बोलू काही........
चला दोस्त हो ; आयुष्या वर बोलू काही..........

श्ब्द असू दे हातां मध्ये, काठी म्हनुनी..
श्ब्द असू दे हातां मध्ये, काठी म्हनुनी....
वाट आंधळी, प्र्वास खडतर ,बोलू काही .......
चला दोस्त हो , आयुष्या वर बोलू काही..........

चला दोस्त हो , आयुष्या वर बोलू काही..........

----संदिप खरे
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संकलक- सुजित बालवडकर
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                 (साभार आणि सौजन्य-मराठीकविता.वर्डप्रेस.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-11.10.2022-मंगळवार.