निबंध-क्रमांक-46-मैं कौन हूँ पर निबंध

Started by Atul Kaviraje, October 14, 2022, 09:30:51 PM

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Atul Kaviraje

                                      "निबंध"
                                    क्रमांक-46
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मित्रो,

      आईए, पढते है, ज्ञानवर्धक एवं ज्ञानपूरक निबंध. आज के निबंध का शीर्षक है-" मैं कौन हूँ पर निबंध"

             मैं कौन हूँ पर निबंध (WHO AM I ESSAY IN HINDI)--
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                       प्रस्तावना--

     मैं एक साधारण लड़की हूं जो सरल जीवन को पसंद करती है। जैसे जैसे मैं बड़ी हो रही हूं मैं स्वतंत्र रहने का सपना देखती हूँ। मैं प्यारे संबंध बनाए रखना चाहती हूँ लेकिन मैं किसी चीज़ के लिए किसी पर भी निर्भर नहीं रहना चाहती। मैं दोनों आर्थिक और भावनात्मक रूप से स्वतंत्र और मजबूत होना चाहती हूं।

                        मेरा लक्ष्य--

     मैं एक बहुत ही महत्वाकांक्षी लड़की हूँ। मैं पढाई में हमेशा अपनी कक्षा में प्रथम आती रही हूं और जैसे-जैसे जीवन में अधिक चुनौतियां आती जाएँगी मैं आगे भी इसी प्रवृत्ति को जारी रखना चाहती हूं। मैं विज्ञान विषय पढ़ना चाहती हूं क्योंकि जैसे ही मैं कक्षा ग्यारवीं में प्रवेश करुँगी तो मुझे वहां जीव विज्ञान पढ़ना है। आयुर्वेद के क्षेत्र ने हमेशा मुझे मोहित किया है। मैं इस प्राचीन विज्ञान का अध्ययन करना चाहती हूं और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और उपचारों की सहायता से विभिन्न मानसिक और शारीरिक बीमारियों से लोगों को छुटकारा दिलाना चाहती हूं।

     चिकित्सा में एक कैरियर बनाना न केवल सम्मानजनक है बल्कि काफी आकर्षक भी है। मैं इन दोनों पहलुओं के कारण न केवल चिकित्सा क्षेत्र में जाना चाहती हूं बल्कि ऐसा इसलिए भी क्योंकि मैं जरूरतमंदों की मदद करना चाहती हूं। मैं अपना स्वयं का क्लिनिक खोलना चाहती हूं या पहले से स्थापित आयुर्वेदिक केंद्र के साथ काम करने के अच्छे अवसर तलाशना चाहती हूं। इसके अतिरिक्त मैं दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को मुफ्त में चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए 2-3 महीने में कम से कम एक बार चिकित्सा शिविरों का आयोजन करना चाहती हूं।

                          मेरी आदर्श--

     मेरी आदर्श मेरी मां है। हमारे बचपन के दिनों से मेरे और मेरी बहन के लिए वह प्रेरणा का स्रोत रही है। मेरी माँ नौकरी करती है और अपने करियर में उन्होंने महान ऊंचाइयों को हासिल किया है। उनके कार्यालय में हर कोई उनके मेहनत और काम के प्रति ईमानदार होने के लिए उनकी प्रशंसा करता है। घर का ख्याल रखते वक़्त उनकी यही ख़ूबी झलकती है। वह यह हर रोज़ सुनिश्चित करती है कि घर के सामान की सारी व्यवस्था बनी रहे। वह स्वादिष्ट भोजन बनाती है और इस बात का खास ख्याल रखती है कि हम सभी साथ बैठें और रोजाना कम से कम एक बार साथ भोजन करें। यद्यपि मेरी माँ काम करती है और उन्हें घर का ख्याल भी रखना है पर दोनों जिम्मेवारियों को निभाने के बावजूद भी वे हमारा ख्याल बखूबी रखती हैं। वे हमारे अध्ययन में हमें मदद करती है और अतिरिक्त पाठयक्रम गतिविधियों के लिए हमें प्रोत्साहित करती है। वह वास्तव में एक ऑलराउंडर है। मैं सिर्फ मेरी मां की तरह बनने की कामना करती हूं। मैं अपने निजी और व्यावसायिक जीवन के बीच के संतुलन को वैसे ही बनाए रखना चाहती हूँ जैसे उन्होंने बनाए रखा है।

                           निष्कर्ष--

     बहुत से लोग अपने जीवन में उच्च लक्ष्य रखते हैं और बहुत कुछ हासिल करना चाहते हैं। ऐसा करने के प्रयास में वे आखिरकर अपने स्वास्थ्य से हाथ धो बैठते हैं। मैं भी उन लोगों जैसी हूँ जो अत्यंत महत्वाकांक्षी हैं परन्तु मेरे लक्ष्य में न केवल सफल और धनी होना शामिल है बल्कि मैं स्वस्थ और खुश भी रहना चाहती हूँ।

--AUTHOR UNKNOWN
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(JANUARY 30, 2018)
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                    (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी की दुनिया.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-14.10.2022-शुक्रवार.