आहान-फैशन

Started by Atul Kaviraje, October 15, 2022, 10:35:10 PM

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Atul Kaviraje

                                        "आहान"
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मित्रो,

     आज पढते है, "आहान" इस ब्लॉग का एक लेख. इस लेख का शीर्षक है- "फैशन"

                                     "फैशन"--
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     -"आज तेरी एक चोटी बना देती हूँ .., अभी बहुत काम पड़े
हैं ।"  कान पर कंघी रखे माँ रेवा की चोटियाँ खोलती हुई व्यस्त भाव से कहती हैं ।

          "नहीं.., दो चोटी और वह भी झूले वाली जो इन्टरवल में सीनियर्स खोल न सके । स्केल से नापती हैं चोटी और पूछती हैं क्या खिलाती हैं तेरी माँ ? तेल कौन सा..,शैम्पू का नाम ..,और देर हो जाएगी तो प्रीफेक्टस रोक लेंगी प्रेयर हॉल के बाहर .., फैशन बना के आती है लम्बे बाल हैं  तो .., टीचर की डॉंट अलग से।  कम्पलसरी है गुँथी चोटियाँ ।"

         रेवा कटर से पेन्सिल छिलती हुई एक साँस में बात पूरी करने की कोशिश कर ही रही होती है कि माँ बालों में कंघी चलाती हुई कहती हैं -  अच्छा बाबा ! साँस ले ले ..., अभी आधा घण्टा बाकी है दस बजने में .., पहुँच जाएगी स्कूल ।"

       "ओय रेवा ! दस मिनट बचे हैं दस बजने चल भाग ..., नहीं तो लेट हो जाएगी ।" भाई की आवाज़ से उसकी तन्द्रा टूटी और आईने के सामने कंघी रख वहाँ रखा हेयर बैंड बालों पर डालते हुए उसने जल्दी से कंधे पर बैग डालते हुए कमरे का गेट बन्द किया ।

                 रोटी बनाते हाथों पर लगा रह गया आटा खुरच कर अंगुलियाँ झटकती रेवा आंगन से गुजरते हुए आँखों में आया पानी भी उतनी ही निर्ममता और लापरवाही से झटक देती है जब चाची को दादी से यह कहते सुनती है - "लड़की के पर निकल आए हैं .., फैशन में डूब कर कैसे छोटे छोटे बाल करवा आई है  लड़कों सरीखे । बिना रोक -टोक बच्चे हाथ से निकल जाते हैं ।"

--AUTHOR UNKNOWN
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(Friday, October 7, 2022)
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              (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-आहान29.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-15.10.2022-शनिवार.