हिंदी कविता-पुष्प क्रमांक-49-अपना इश्क़ भी एक दिल मुकम्मल होगा

Started by Atul Kaviraje, October 17, 2022, 09:11:42 PM

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Atul Kaviraje

                                     "हिंदी कविता"
                                    पुष्प क्रमांक-49
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मित्रो,

     आईए सुनतें है, पढते है, कुछ दिलचस्प रचनाये, कविताये. प्रस्तुत है कविताका पुष्प क्रमांक-49. इस कविता का शीर्षक है- "अपना इश्क़ भी एक दिल मुकम्मल होगा"

(अपना इश्क़ भी एक दिल मुकम्मल होगा कविता)
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                        "अपना इश्क़ भी एक दिल मुकम्मल होगा"
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मैं समेट कर तेरी पसंद का हर सामान लाया हूँ
खुदा से मांग कर तेरे सपनों का जहान लाया हूं

बड़ी ख़्वाहिश थी तुम्हें एक चमकते सितारे की
देख मैं झोले में भर के, पूरा आसमान लाया हूं

मैं क्या जानूं, कौन सा फूल पसंद आए तुमको
एक फूल के बदले, मैं पूरा गुलिस्तान लाया हूं

कि पास रहूं मैं तुम्हारे, यूं तुमसे दूर रह कर भी
मैं तोहफ़े में मोहब्बत का ऐसा निशान लाया हूं

इक रोज होगी पूरी, हमारे भी इश्क़ की कहानी
पर-आज लिख के,बस अधूरी दास्तान लाया हूं

--अविनाश
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               (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-फंकी लाईफ.इन/हिंदी-पोएटरी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-17.10.2022-सोमवार.