हिंदी कविता-पुष्प क्रमांक-54-सवाल उठाती हुई

Started by Atul Kaviraje, October 22, 2022, 10:20:19 PM

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Atul Kaviraje

                                     "हिंदी कविता"
                                    पुष्प क्रमांक-54
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मित्रो,

     आईए सुनतें है, पढते है, कुछ दिलचस्प रचनाये, कविताये. प्रस्तुत है कविताका पुष्प क्रमांक-54. इस कविता का शीर्षक है- "सवाल उठाती हुई"

(Zindagi Hindi Kavita – सवाल उठाती हुई कवि की एक बेहतरीन कविता)
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                                  "सवाल उठाती हुई"
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मकान जले तो बीमा ले सकते हैं,
सपने जले तो क्या किया जाए...

आसमान बरसे तो छाता ले सकते हैं,
आँख बरसे तो क्या किया जाए...

शेर दहाड़े तो भाग सकते हैं।
अहंकार दहाड़े तो क्या किया जाए...

काँटा चुभे तो निकाल सकते हैं।
कोई बात चुभे तो क्या किया जाए...

दर्द हो तो गोली (medicine) ले सकते हैं।
वेदना हो तो क्या किया जाये...

--AUTHOR UNKNOWN
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                (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-फंकी लाईफ.इन/हिंदी-पोएटरी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-22.10.2022-शनिवार.