हिंदी कविता-पुष्प क्रमांक-55-पिता एक उम्मीद है, एक आस है

Started by Atul Kaviraje, October 23, 2022, 09:36:41 PM

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Atul Kaviraje

                                   "हिंदी कविता"
                                  पुष्प क्रमांक-55
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मित्रो,

     आईए सुनतें है, पढते है, कुछ दिलचस्प रचनाये, कविताये. प्रस्तुत है कविताका पुष्प क्रमांक-55. इस कविता का शीर्षक है- "पिता एक उम्मीद है, एक आस है"

       (Hindi Poetry On Father – पिता पर खूबसूरत कविता)
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                            "पिता एक उम्मीद है, एक आस है"
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पिता एक उम्मीद है, एक आस है
परिवार की हिम्मत और विश्वास है,
बाहर से सख्त अंदर से नर्म है।
उसके दिल में दफन कई मर्म हैं।

पिता संघर्ष की आंधियों में हौसलों की दीवार है
परेशानियों से लड़ने को दो धारी तलवार है,
बचपन में खुश करने वाला खिलौना है
नींद लगे तो पेट पर सुलाने वाला बिछौना है।

पिता जिम्मेवारियों से लदी गाड़ी का सारथी है
सबको बराबर का हक़ दिलाता यही एक महारथी है
सपनों को पूरा करने में लगने वाली जान है
इसी से तो माँ और बच्चों की पहचान है।

पिता ज़मीर है पिता जागीर है
जिसके पास ये है वह सबसे अमीर है,
कहने को सब ऊपर वाला देता है
पर खुदा का ही एक रूप पिता का शरीर है।

--AUTHOR UNKNOWN
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                (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-फंकी लाईफ.इन/हिंदी-पोएटरी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-23.10.2022-रविवार.