शान्तम् सुखाय-कविता-इतिहास

Started by Atul Kaviraje, October 25, 2022, 10:05:50 PM

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Atul Kaviraje

                                      "शान्तम् सुखाय"
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मित्रो,

     आज पढते है, भगीरथ कंकIणी, इनके "शान्तम् सुखाय" इस ब्लॉग की एक कविता. इस कविता का शीर्षक है- "इतिहास"

                                        इतिहास--
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इतिहास
बहुत पढ़ चुके
अब इसे पढ़ना छोड़ो
और स्वयं इतिहास का
सर्जन करो

जिससे
आने वाली पीढ़ी
पढ़ कर तुम पर
गर्व कर सके

जिंदगी तो
बिखरे दानो की तरह है
कुछ तो पंछी चुन गए
कुछ शेष बची है

कहीं ऐसा न हो  कि
घर आया इतिहास  का मेहमान
तुम्हारे यहाँ से
खाली हाथ चला जाए

और तुम्हारा नाम
इतिहास के सुनहरे पन्नों पर
अंकित होने से ही रह जाए।
   
(यह कविता "कुमकुम के छींटे" नामक पुस्तक में प्रकाशित है )

--भगीरथ कंकIणी
(२९ दिसम्बर, २००८)-सेन डिएगो (अमेरिका)
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               (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-शान्तम् सुखाय.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-25.10.2022-मंगळवार.