हिंदी कविता-पुष्प क्रमांक-59-प्यार में अक्सर

Started by Atul Kaviraje, October 27, 2022, 09:07:42 PM

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Atul Kaviraje

                                    "हिंदी कविता"
                                   पुष्प क्रमांक-59
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मित्रो,

     आईए सुनतें है, पढते है, कुछ दिलचस्प रचनाये, कविताये. प्रस्तुत है कविताका पुष्प क्रमांक-59. इस कविता का शीर्षक है- "प्यार में अक्सर"

(Love Hindi Poems – प्यार में अक्सर हिंदी कविता)
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                                    "प्यार में अक्सर"
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थोड़ी खामोशी रखो और रिश्तों को कहने दो
ना बांधों ना बँधो, निश्छल स्वरूप में बस बहने दो !

प्यार है सच्चा, तो भरोशा भी पक्का ही रखो
बढ़ने दो उम्र को, दिल को हमेशा बच्चा ही रखो!

थोड़ी सी नोक झोंक तो रिश्तों में जरुरी है बहुत
प्यार का रंग गहरा और शिकवों का हल्का ही रखो !

जो रूठ जाये कोई, तो मना लो करके प्यार की बातें
रिश्तों में परवा जरुरी है बहुत,
इस बात का हमेशा एहसास रखो !

प्यार में अक्सर,
आप से तुम, तुम से तू होना लाज़मी है बहुत
खूबसूरत रहेगा रिश्ता हमेशा
बस एक दूसरे के बिचारों का, दिल से सम्मान रखो !

--AUTHOR UNKNOWN
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               (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-फंकी लाईफ.इन/हिंदी-पोएटरी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-27.10.2022-गुरुवार.