निबंध-क्रमांक-60-समय का सदुपयोग पर निबंध

Started by Atul Kaviraje, October 28, 2022, 08:51:42 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                      "निबंध"
                                    क्रमांक-60
                                   -----------

मित्रो,

      आईए, पढते है, ज्ञानवर्धक एवं ज्ञानपूरक निबंध. आज के निबंध का शीर्षक है-" समय का सदुपयोग पर निबंध"

समय का सदुपयोग पर निबंध – Samay ka sadupayog Essay in Hindi--
---------------------------------------------------------------------

     समय का अपव्यय करना आत्महत्या के समान है। संसार से उब कर जीवनमुक्त होने के लिए मानव आत्महत्या का साधन ढूढ़ता है। आत्महत्या उसे जीवन के संघर्षों से सदा – सदा के लिए मुक्त कर देती है। ठीक इसी प्रकार समय का सदुपयोग मानव – जीवन को अनिश्चित समय के लिए मृतप्राय कर देता है। समय की दुरुपयोगिता मानव को कायर, पुरुषार्थहीन एवं अनुद्योगी और अकर्मण्य बना देती है। समय की दुरुपयोगिता से केवल विचार ही दूषित नहीं होते, बल्कि मानव का नैतिक पतन हो जाता है।

     समय के सदुपयोग के लिए मनुष्य को अपने प्रतिदिन के कार्य का सम्यक विभाजन कर लेना चाहिए। उसे इस बात को दृष्टि में रख लेना चाहिए कि उसे किस समय क्या काम करना है। जिस मनुष्य का कार्यक्रम सुनिश्चित नहीं होता उसका अधिकांश समय व्यर्थ में ही इधर – उधर बीत जाता है। जो मनुष्य अपना निश्चित कार्यक्रम बनाकर, मानसिक वृत्तियों को एकाग्र करके कार्य करता है, उसे जीवन – संग्राम में अवश्य सफलता प्राप्त होती है।

     समय का सदुपयोग करने से मनुष्य की व्यक्तिगत उन्नति होती है। हमें बाल्यकाल से ही समय की अमूल्यता पर ध्यान देना चाहिए। शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए समय पर सोना, समय पर उठना, समय पर भोजन करना, समय पर व्यायाम करना, समय पर पढना बहुत ही आवश्यक है। मानसिक उन्नति के लिए हमें प्रारम्भ से ही सद्दग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए तथा अपने से बड़े, अपने से अधिक बुद्धिमान लोगों के साथ जीवनोपयोगी विषयों पर चर्चा करनी चाहिए।

     जिस काम के लिए जो समय निश्चित हो, उस समय वह काम अवश्य कर लेना चाहिए, तभी मनुष्य जीवन में उन्नति कर पाता है। कभी किसी काम को देर से शुरू न करो क्योंकि प्रारंभ में विलम्ब हो जाने से अन्त तक विलम्ब होता रहता है और उस कार्य में सफलता संदिग्ध रहती है। विदेशों में समय का मूल्य बहुत समझा जाता है। वहाँ का प्रत्येक व्यक्ति उसका सदुपयोग करना जानता है। यदि आपने किसी व्यक्ति को आठ बजे बुलाया है तो वह आपके पास ठीक आठ बजे आ जायेगा, न एक मिनट पहले, और न एक मिनट पश्चात्। देश और समाज के प्रति हमारे कुछ कर्तव्य हैं। हमें अपना कुछ समय उनकी सेवा में भी लगाना चाहिए, जिससे देश और समाज की उन्नति हो। असहायों की सहायता करने में, भूखों के पेट भरने में, दूसरों के हित सम्पादन में जो अपना कुछ समय व्यतीत करता है वह भी समय का सदुपयोग करता है तथा उसका समाज में सम्मान होता है।

--AUTHOR UNKNOWN
-------------------------

                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी लर्निंग.इन)
                     --------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-28.10.2022-शुक्रवार.