हिंदी कविता-पुष्प क्रमांक-61-अपने दर्द से सदा के लिए

Started by Atul Kaviraje, October 29, 2022, 08:57:41 PM

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Atul Kaviraje

                                    "हिंदी कविता"
                                   पुष्प क्रमांक-61
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मित्रो,

     आईए सुनतें है, पढते है, कुछ दिलचस्प रचनाये, कविताये. प्रस्तुत है कविताका पुष्प क्रमांक-61. इस कविता का शीर्षक है- "अपने दर्द से सदा के लिए"

(Journey of life hindi poetry – अपने दर्द से सदा के लिए कहां जुदा हो पाते है हम)
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                               "अपने दर्द से सदा के लिए"
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अपने दर्द से सदा के लिए कहां जुदा हो पाते है हम,
एक दर्द छोड़कर बस दूसरा दर्द अपनाते है हम..

रिश्ते निभाने का हुनर कहां सीख पाते हैं हम,
एक रिश्ता तोड़कर बस दूसरे रिश्ते में ढल जाते हैं हम...

मंज़िलें जीवन की कब हासिल कर पाते है हम,
मजबूरियों के नाम पर बस मंजिले बदलते जाते है हम..

अपनों के हिस्से का सच कब जीते हैं हम,
अपने अधूरे सच को बस जीते जाते है हम..

किसी का साथ निभाना तो मानो भूल गए है हम,
उसकी कुछ गलतियों को बस हर पल गिनवाते है हम..

--AUTHOR UNKNOWN
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               (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-फंकी लाईफ.इन/हिंदी-पोएटरी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-29.10.2022-शनिवार.