निबंध-क्रमांक-61-समय का सदुपयोग पर निबंध

Started by Atul Kaviraje, October 29, 2022, 09:00:28 PM

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Atul Kaviraje

                                      "निबंध"
                                     क्रमांक-61
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मित्रो,

      आईए, पढते है, ज्ञानवर्धक एवं ज्ञानपूरक निबंध. आज के निबंध का शीर्षक है- "समय का सदुपयोग पर निबंध"

समय का सदुपयोग पर निबंध – Samay ka sadupayog Essay in Hindi--
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     हमें अपने दैनिक कार्यक्रमों में राष्ट्रसेवा, जाति सेवा और समाज सेवा का अवसर निकालना चाहिए। स्वार्थ – सिद्धि ही मानव – जीवन का प्रमुख लक्ष्य नहीं है। इस जीवन में जितने शुभ कार्य हो सकें उतना ही यह जीवन सफल है। मानव जीवन देश की सम्पत्ति है। अत: देशहित में जो अपना समय व्यतीत करता है, वह धन्य है। मनुष्य का परम कर्तव्य है कि वह अपने समय का सदुपयोग करता हुआ अपने समाज, अपने देश और मानव – जाति का कल्याण करे।

--"आलस्यैव हि मनुष्याणां शरीरस्थो महा रिपु: |

     अर्थात आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। आलसी मनुष्य जीवन में उन्नति नहीं कर पाता है। उसके जीवन के अधिकांश क्षण सुस्ती, सोने वाद – विवाद में ही व्यतीत हो जाते हैं। ऐसा मनुष्य न तो छात्रावस्था में विद्यापार्जन ही कर सकता है और न युवावस्था में गृहस्थी का भार ही वहन कर सकता है।

     आलसी मनुष्य की प्रज्ञा मंद और संकल्प क्षीण हो जाते हैं, वे सदैव समय की शिकायत किया करते हैं। परिश्रमी के पास कभी समय का अभाव नहीं होता। आलसी मनुष्य का समय दूसरों की निंदा करने, निरुद्देश्य घूमने, गन्दी पुस्तकें पढ़ने तथा व्यर्थ की गपशप में व्यतीत हो जाता है। ऐसे व्यक्ति न देश का कल्याण कर पाते हैं, और न अपना ही। आलस्य का परित्याग करके समय का सदुपयोग करने वाले व्यक्ति ही साहित्य के सृष्टा, राष्ट्रनायक, वैज्ञानिक और अविष्कारक हुए हैं।

     गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा है, "समय जात नहीं लागहिं बारा।" समय की गति तीव्र है। प्रत्येक बुद्धिमान व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह समय का उचित मूल्यांकन करते हुए उसका उपयोग करे। समय की गति रोकी नहीं जा सकती। आज के वैज्ञानिक ने प्रकृति के तत्वों पर अपना अधिकार करना प्रारंभ कर दिया है, परन्तु समय को वश में नहीं कर पाया। इसलिए यदि हम अपनी शारीरिक, मानसिक और अध्यात्मिक उन्नति करना चाहते हैं तो हमें अपने समय का सदुपयोग करना सीखना चाहिए तभी हमारी उन्नति सम्भव है।

     विद्यार्थियों को तो विशेष रूप से समय का महत्व समझना ही चाहिए क्योंकि "गया वक्त फिर हाथ आता नहीं है।" विद्यार्थियों को अपने समय का सदुपयोग करने के लिए टाइमटेबल बना लेना चाहिए | उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि उनका निश्चित कार्य उस निश्चित समय में पूर्ण हुआ अथवा नहीं |

     जो छात्र नियत समय में अपने कार्य में पूर्ण मनोयोग के साथ संलग्न नहीं होता, वह अपने साथ घोर अन्याय करता है | उसका भविष्य अंधकारमय रहता है | समय विभाजन करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि शारीरिक और मानसिक थकावट अधिक न होने पावे | उसमें मनोरंजन की भी व्यवस्था करनी चाहिए | मनोरंजन से जीवन में सरसता आती है, शक्ति संचय होता है | वास्तव में समय बहुत अमूल्य धन है | हमें समय का पूरा – पूरा लाभ उठाना चाहिए |

--AUTHOR UNKNOWN
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                     (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी लर्निंग.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-29.10.2022-शनिवार.