निबंध-क्रमांक-64-समय का सदुपयोग पर निबंध

Started by Atul Kaviraje, November 01, 2022, 08:43:55 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                     "निबंध"
                                   क्रमांक-64
                                  -----------

मित्रो,

      आईए, पढते है, ज्ञानवर्धक एवं ज्ञानपूरक निबंध. आज के निबंध का शीर्षक है-"समय का सदुपयोग पर निबंध"

समय का सदुपयोग पर निबंध – Samay ka sadupayog Essay in Hindi--
---------------------------------------------------------------------

     सचमुच, समय एक अनमोल वस्तु है| संसार में कोई भी वस्तु मिल सकती हैं, किन्तु खोया हुआ समय फिर हाथ नहीं आता| दुनिया में ऐसी कोई नहीं है जो गुजरे हुए घण्टों को फिर से बजा दे| समय के सदुपयोग पर ही हमारे जीवन की सफलता प्राय: निर्भर रहती है| वास्तव में अपने बहुमूल्य जीवन की कीमत वह मनुष्य समझता है, जो एक पल की कीमत समझता है| समय का जिसने सदुपयोग कर लिया, उसने अपने जीवन का सदुपयोग कर लिया|

     यह दुख की बात है कि कई लोग समय का दुरुपयोग करते हैं| सबेरे आठ बजे तक तो उनकी आँखें नींद में ही डूबी रहती हैं| फिर उठते हैं, तो आधा घंटा आलस्य उतारने में ही बीत जाता हैं| दिनभर में जीतने घंटे हम काम करते हैं, तो उसे कई गुना अधिक समय फिजूल की बातों में और निरर्थक कामों में बिताते हैं| कई लोग तो दिन भर ताश और शतरंज की बाजी में उलझे रहते हैं| यद्यपि हमारे जीवन में मनोरंजन समय का सदुपयोग करने के लिए हमें प्रत्येक कार्य निश्चित समय में ही पूरा करने का प्रयत्न करना चाहिए| कुछ दिनों के निरन्तर अभ्यास से हमें समय का उचित उपयोग करने की आदत पड़ जाएगी और हमें जीवन को सफल बनाने की कुंजी मिल जाएगी| समय का विभाजन कर हम अध्ययन, व्यायाम, सत्संग, समाज-सेवा, मनोरंजन आदि अनेक कार्य सरलतापूर्वक कर सकते हैं| इससे न तो हमें काम बोझ मालूम होगा और न ही "अब कौन-सा काम करें ?" यह सोचने में समय नष्ट होगा| समय का सदुपयोग पर निबंध

     अपने समय का सदुपयोग किये बिना कोई भी व्यक्ति महान् नहीं बन सकता| दुनियाँ के महापरुष समय की कीमत जानते थे, इसलिए वे महान बन सके| समय का सदुपयोग करके ही वे संसार में अमर कीर्ति प्राप्त कर सके थे| वाटरलू युद्ध में यदि एक सरदार चन्द घड़ियों की देरी न कर देता, तो नेपोलियन अपनी घोर पराजय से बच जाता|

     यदि हमें अपने जीवन से प्रेम हैं, तो हमें अपने बहुमूल्य समय को कभी भी नष्ट कर देता है| हमें कबीर का यह दोहा ध्यान में रखना चाहिए –

--"कल करे सो आज कर , आज करे सो अब |
पल में परलै होयगी, बहुरि करैगा कब |"

--AUTHOR UNKNOWN
-------------------------

                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी लर्निंग.इन)
                     --------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-01.11.2022-मंगळवार.