हिंदी कविता-पुष्प क्रमांक-67-साथ कुछ पल ही सही, निभाने तो आ

Started by Atul Kaviraje, November 04, 2022, 08:51:38 PM

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Atul Kaviraje

                                      "हिंदी कविता"
                                     पुष्प क्रमांक-67
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मित्रो,

     आईए सुनतें है, पढते है, कुछ दिलचस्प रचनाये, कविताये. प्रस्तुत है कविताका पुष्प क्रमांक-67. इस कविता का शीर्षक है- "साथ कुछ पल ही सही, निभाने तो आ"

(Sad Love Hindi Poetry – साथ कुछ पल ही सही, निभाने तो आ कविता)
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                          "साथ कुछ पल ही सही, निभाने तो आ"
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साथ कुछ पल ही सही, निभाने तो आ...
दिल लगाने न सही, दुखाने तो आ।

सुना है दर्द ने तुझसे, राहत माँगी है...
हँसाने न सही, रुलाने तो आ !

तुझे मोहब्बत हो गई है, किसी और से मेरे मोहल्ले में..
दिल मुझसे न सही, उसी से लगाने तो आ !

मिज़ाज बदल के बातें, मुझसे करती हो क्यों...
मुझसे जी भर गया है, ये बताने तो आ !

कब तलक झूठी मोहब्बत को, पनाह देती रहोगी...
घर की छोड़ मेरे, अपना बसाने तो आ !

तुझे न मुझसे, न मेरी मोहब्बत से, सुकूं मिलता है..
खुशी किसमें है तेरी, ये बताने तो आ !!

--✍🏻-गुलाब चन्द शर्मा.
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               (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-फंकी लाईफ.इन/हिंदी-पोएटरी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-04.11.2022-शुक्रवार.