लफ़्ज़ों का खेल-समाधि-जब तक रहे तन में जिया

Started by Atul Kaviraje, November 08, 2022, 09:51:51 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                    "लफ़्ज़ों का खेल"
                                   ----------------

मित्रो,

     आज सुनते है, "लफ़्ज़ों का खेल" इस शीर्षक के अंतर्गत, "आशा भोंसले" की आवाज मे "समाधि" फिल्म का गीत.

                                 "जब तक रहे तन में जिया"
                                ------------------------

जब तक रहे तन में जिया
वादा रहा, ओ साथिया
हम तुम्हारे लिये तुम हमारे लिये
हम तुम्हारे लिये तुम हमारे लिये

धूप लगेगी जब जब तुमको सजना
ओ डारूँगी मैं आँचल की छैयाँ
साँझ पड़े जब थक जाओगे बलमा
ओ वारूँगी मैं गोरी गोरी बैयाँ
डोलूँगी बन के चाँदनी मैं तेरे अँगना
जब तक रहे तन में जिया...

सारी जनम को अब तो अपने तन पे हाँ
ओ ओढ़ी चुनरिया मैंने साजन की
खिली रहे मुस्कान तेरी फिर चाहे
ओ लुट जाये बगिया मेरे जीवन की
मैं जीवन छोड़ दूँ, छोड़ूँ न, मैं तेरी गलियाँ
जब तक रहे तन में जिया...

==============================
जब तक रहे तन में जिया - Jab Tak Rahe Tan Mein Jiya 
Movie/Album: समाधि (1972)
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: आशा भोंसले
==============================

              (साभार एवं सौजन्य-हिंदी लैरिकस प्रतीक.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                      (संदर्भ-Lyrics In Hindi-लफ़्ज़ों का खेल)
             ---------------------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-08.11.2022-मंगळवार.