सुधीर फडके-निजरूप दाखवा हो, हरि दर्शनास द्या हो

Started by Atul Kaviraje, November 12, 2022, 09:51:48 PM

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Atul Kaviraje

मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज ऐकुया, "काही गाणी आठवणीतली, काही साठवणीतली !" या गीत-मालिके -अंतर्गत, श्री सुधीर फडके यांनी गायिलेले एक गीत. या गीताचे शीर्षक आहे- "निजरूप दाखवा हो, हरि दर्शनास द्या हो"

                       "निजरूप दाखवा हो, हरि दर्शनास द्या हो"
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निजरूप दाखवा हो, हरि दर्शनास द्या हो

अवरुद्ध साद माझा प्रतिसाद त्यास द्या हो
आला गजेंद्र मोक्षा तैसे पुनश्च या हो
जळत्या निळ्या वीजेची प्रभू एक झेप घ्या हो
निजरूप दाखवा हो, हरि दर्शनास द्या हो

नरसिंव्ह होवुनीया घुमवीत गर्जनासी
शतसूर्य तेज दावा अज्ञात या जनासी
भ्याला समुद्र क्रोधा ते रामचंद्र व्हा हो
निजरूप दाखवा हो, हरि दर्शनास द्या हो

पार्थास दाविले ते प्रभू विश्वरूप दावा
मुरली मनोहरा या व्हा वाजवीत पावा
एका करांगुलीने गोवर्धना धरा हो
निजरूप दाखवा हो, हरि दर्शनास द्या हो

राज:भ्रमा पटू द्या प्रत्यक्ष एकवार
श्रीकृष्ण-विष्णू-राम तोचि विठु महार
जाळी तनामनासी ती आग शांतवा हो
निजरूप दाखवा हो, हरि दर्शनास द्या हो

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गीत : ग.दि.माडगूळकर
संगीत : सुधीर फडके
स्वर : सुधीर फडके
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--प्रकाशक : शंतनू देव
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                 (साभार आणि सौजन्य-माणिक-मोती.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                            (संदर्भ-♫ गाणीमराठी.com ♫♪)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-12.11.2022-शनिवार.