जिंदगी पर आधारित कविता-पुष्प क्रमांक-77-रोज़ बेवजह मरते जा रहे हैं

Started by Atul Kaviraje, November 14, 2022, 09:36:43 PM

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Atul Kaviraje

                               "जिंदगी पर आधारित कविता"
                                      पुष्प क्रमांक-77
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मित्रो,

     आईए सुनतें है, पढते है, कुछ जिंदगी पर आधारित दिलचस्प रचनाये, कविताये. प्रस्तुत है कविताका पुष्प क्रमांक-77. इस कविता का शीर्षक है- "रोज़ बेवजह मरते जा रहे हैं"

     अगर आप भी इंटरनेट पर ढूंढ़ रहे थे लोकप्रिय हिंदी कविताएं तो बिल्कुल सही जगह पर हैं। हम लेकर आए हैं खास आपके लिए जिंदगी पर आधारित 35+ बेहतरीन कविताएं हिंदी में। इन कविताओं में कवि ने बहुत ही बेहतरीन तरीके से जीवन का वर्णन किया है। इनमें आपको जीवन के शुरू होने से लेकर खत्म होने तक, जीवन में आने वाले सभी पड़ावों ( सुख-दुःख, प्यार-मोहब्बत, दर्द, परेशानी ) के बारे में बखूबी बताया गया है।

     दोस्तों आपको तो पता ही है आजकल की दुनिया में लोग इतने व्यस्त हो गए हैं कि अपनी ज़िन्दगी को सही ढंग से नही जी पा रहे और हमेशा उलझनों में घिरे रहना, छोटी छोटी बातों पर परेशान होना, हमेशा काम में बिज़ी रहना जैसे काम ही उनकी ज़िन्दगी में रह गया है। उन्हें पता ही नहीं जीवन का मतलब क्या होता है। यहां पर कवि ने इन कविताओं के माध्यम से यही बताने का प्रयास किया है कि जिंदगी का सही मतलब क्या है। आपको इन कविताओं से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा जो आपकी ज़िन्दगी बदल देंगी।अभी पढ़ना शुरू कीजिए इस पोस्ट( hindi poems on life ) को और सुखमय जीवन का आनंद लीजिए और अपने मित्रों और परिवार वालों को भी सुनाईए उन्हें भी यह poetry जरूर पसंद आएगी।


Hindi Kavita On Life : रोज़ बेवजह मरते जा रहे हैं--
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                                "रोज़ बेवजह मरते जा रहे हैं"
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लोग क्या कहेंगे इस बात पर हम
कुछ यूँ उलझते जा रहे हैं।
दिल कुछ और करना चाहता है।
हम कुछ और ही करते जा रहे हैं।

सोचते हैं वक़्त बहुत है हमारे पास
इतनी भी क्या जल्दी पड़ी है
अभी औरों के हिसाब से चल लें
ख़ुद के लिए तो सारी उम्र पड़ी है।

दिल और दिमाग़ की इसी कश्मकश में
ज़िन्दगी के पन्ने बड़ी रफ़्तार से पलटे जा रहे हैं।
उतना तो हम जीए ही नहीं अभी तक
जितना हम हर रोज़ बेवजह मरते जा रहे हैं।

--AUTHOR UNKNOWN
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                (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-फंकी लाईफ.इन/हिंदी-पोएटरी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-14.11.2022-सोमवार.