लफ़्ज़ों का खेल-आज और कल-जागे हैं कुछ अजीब से...

Started by Atul Kaviraje, November 14, 2022, 09:59:26 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                    "लफ़्ज़ों का खेल"
                                   ----------------

मित्रो,

     आज सुनते है, "लफ़्ज़ों का खेल" इस शीर्षक के अंतर्गत, "मोहम्मद रफ़ी" की आवाज मे "आज और कल" फिल्म का गीत.

                                "जागे हैं कुछ अजीब से..."
                               -------------------------

इतनी हसीन इतनी जवाँ रात क्या करें
जागे हैं कुछ अजीब से जज़बात क्या करें
इतनी हसीन...

पेड़ों के बाज़ूओं में लचकती है चांदनी
बेचैन हो रहे हैं ख़यालात क्या करें
जागे हैं कुछ अजीब से...

साँसों में घुल रही है किसी साँस की महक
दामन को छू रहा है कोई हाथ क्या करें
जागे हैं कुछ अजीब से...

शायद तुम्हारे आने से ये भेद खुल सके
हैरान हैं कि आज नयी बात क्या करें
जागे हैं कुछ अजीब से...

=================================
इतनी हसीन इतनी जवाँ रात - Itni Haseen Itni Jawaan Raat
Movie/Album: आज और कल (1963)
Music By: रवि
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मोहम्मद रफ़ी
=================================

               (साभार एवं सौजन्य-हिंदी लैरिकस प्रतीक.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                       (संदर्भ-Lyrics In Hindi-लफ़्ज़ों का खेल)
              ---------------------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-14.11.2022-सोमवार.