केव्हा मिटेल हा दुरावा .........?

Started by kitcat, August 13, 2010, 04:54:11 PM

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kitcat

तू  अशी  ये चोरपावलांनी की मला   फक्त  तुझाच  भास  व्हावा
अन  मग  तू   येवून  सामोरी  हात  हाती  घ्यावा
तुला  पाहताच  मी  तुला  अगदी  जवळ  घ्यावे
इतके  की पौर्णिमेचा  चंद्र  देखील  लाजावा
तुझ्या  मोकळ्या  केसांना  छेडताना 
वाऱ्यालाही  येईल  माझा  राग
आणि  मग  रागाने  लाल  होवून  तोही  सुसाट  व्हावा
गदागाडावे  आसमंत  नि  काजव्यांनी  गावे  आपले  प्रेमगीत
आपल्या  मिलनाची  ती  रात  पाहुनी  राधे  कृष्णालाही  वाटेल  हेवा
तुझ्या  स्वप्नांत नखशिखांत  बुडून  गेलो  आहे  ग
सांगणं  केव्हा  मिटेल  हा  दुरावा .........?
                                                                 -मित

PRASAD NADKARNI


Prachi

chan ahe...  :(

ek paul tu chal tichya dishene... ek paul ti....  :) 

amoul