लफ़्ज़ों का खेल-दिल दिया दर्द लिया-गुज़रे हैं आज इश्क़ में...

Started by Atul Kaviraje, November 20, 2022, 09:56:24 PM

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Atul Kaviraje

                                     "लफ़्ज़ों का खेल"
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मित्रो,

     आज सुनते है, "लफ़्ज़ों का खेल" इस शीर्षक के अंतर्गत, "मो.रफ़ी" की आवाज मे "दिल दिया दर्द लिया" फिल्म का गीत.

                                  "गुज़रे हैं आज इश्क़ में..."
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गुज़रे हैं आज इश्क़ में
हम उस मक़ाम से
नफ़रत-सी हो गई है
मुहब्बत के नाम से
गुज़रे हैं

हमको न ये गुमान था
ओ संगदिल सनम
राह-ए-वफ़ा से तेरे
बहक जाएँगे क़दम
छलकेगा ज़हर भी
तेरी आँखों के जाम से
गुज़रे हैं आज इश्क़ में...

ओ बेवफ़ा, तेरा भी
यूँ ही टूट जाए दिल
तू भी तड़प-तड़प के
पुकारे के हाय दिल
तेरा भी सामना हो कभी
ग़म की शाम से

हम वो नहीं जो प्यार में
रो कर गुज़ार दें
परछाई भी हो तेरी तो
ठोकर पे मार दें
वाक़िफ़ हैं हम भी ख़ूब
हर एक इंतक़ाम से
गुज़रे हैं आज इश्क़ में...

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गुज़रे हैं आज इश्क़ में - Guzre Hain Aaj Ishq Me
Movie/Album: दिल दिया दर्द लिया (1966)
Music By: नौशाद अली
Lyrics By: शकील बदायुनी
Performed By: मो.रफ़ी
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               (साभार एवं सौजन्य-हिंदी लैरिकस प्रतीक.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                      (संदर्भ-Lyrics In Hindi-लफ़्ज़ों का खेल)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-20.11.2022-रविवार.