निबंध-क्रमांक-85-मकर सक्रांति (खिचड़ी) पर निबंध

Started by Atul Kaviraje, November 22, 2022, 09:04:55 PM

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Atul Kaviraje

                                       "निबंध"
                                      क्रमांक-85
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मित्रो,

      आईए, पढते है, ज्ञानवर्धक एवं ज्ञानपूरक निबंध. आज के निबंध का शीर्षक है- "मकर सक्रांति (खिचड़ी) पर निबंध"

                            मकर सक्रांति (खिचड़ी) पर निबंध--
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     मकर सक्रांति का त्यौहार हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है जिसे भारत में अलग अलग राज्यों में अलग अलग नामों से मनाया जाता है.

     हर साल 14 जनवरी को पूरे भारत में मकर सक्रांति को अलग अलग नामों से मनाया जाता है. जहाँ पंजाब हरियाणा में लोहड़ी तो वहीँ केरल तथा कर्नाटक में इसे सक्रांति के नाम से मनाया जाता है. तमिलनाडु में इसे पोंगल तो बिहार में इस पर्व को खिचड़ी के नाम से मानते हैं.

     मकर सक्रांति के दिन के बाद ही सूर्य की उत्तरायण गति की शुरुआत होती है. इसी वजह से इस पर्व को उत्तरायनी भी कहा जाता है. मकर सक्रांति को मुख्यतः दान के पर्व के रूप में मनाया जाता है.

     इस त्यौहार को दान तथा स्नान का पर्व भी कहा जाता है. इस दिन तीर्थों तथा पवित्र नदियों में स्नान करने से पुन्य की प्राप्ति होती है. तिल,  गुड, फल तथा खिचड़ी दान करने से भी पुन्य की प्राप्ति होती है.

     इन सब के अलावा पतंगबाजी का भी काफी महत्व है. मकर सक्रांति के दिन जगह जगह पतंगबाज़ी का आयोजन भी किया जाता है.

--आमिर
(2018-01-04)
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                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी वार्ता.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-22.11.2022-मंगळवार.