II श्री शनी देवाय नमः II-श्री शनि चालीसा-क्रमांक-2

Started by Atul Kaviraje, November 26, 2022, 08:49:50 PM

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Atul Kaviraje

                                 II श्री शनी देवाय नमः II
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज शनिवार. श्री शनी देवाचा वार. आज ऐकुया,श्री शनि चालीसा.

     Songs Info : बहुत ही सुन्दर भजन हैं जिसे सुनकर आप भाव विभोर हो जायेंगे ऐसे ही बहुत सारे भजनो का संग्रह हैं भक्तिगाने में मिलेगा , खुद भी सुने और दुसरो को भी सुनाये और साथ में शेयर कर हमें सहयोग प्रदान करे.

                             "श्री शनि चालीसा-क्रमांक-2"
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पर्वतहू तृण होई निहारत।
तृणहू को पर्वत करि डारत॥

राज मिलत वन रामहिं दीन्हयो।
कैकेइहुं की मति हरि लीन्हयो॥

बनहूं में मृग कपट दिखाई।
मातु जानकी ग‍ई चुरा‍ई॥

लखनहिं शक्ति विकल करिडारा।
मचिगा दल में हाहाकारा॥

रावण की गति मति बौराई।
रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई॥

दियो कीट करि कंचन लंका।
बजि बजरंग बीर की डंका॥

नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा।
चित्र मयूर निगलि गै हारा॥

हार नौंलखा लाग्यो चोरी।
हाथ पैर डरवायो तोरी॥

भारी दशा निकृष्ट दिखायो।
तेलहिं घर कोल्हू चलवायो॥

विनय राग दीपक महँ कीन्हयो।
तब प्रसन्न प्रभु हवै सुख दीन्हयो॥

हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी।
आपहुं भरे डोम घर पानी॥

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श्री शनि चालीसा- शनि भजन
अल्बम : संपूर्ण  शनी  वंदन
गीतकार : डॉक्टर बी.पी.व्यास
गायक : महेंद्र  कपूर 
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                       (साभार आणि सौजन्य-शनिदेव हिंदी भजन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-26.11.2022-शनिवार.