भारतीय नारी-टूटते सितारों की उडान-ब

Started by Atul Kaviraje, November 26, 2022, 09:36:14 PM

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Atul Kaviraje

                                     "भारतीय नारी"
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मित्रो,

     आज पढते है, अजय त्यागी, इनके "भारतीय नारी" इस ब्लॉग का एक लेख. इस लेख का शीर्षक है- "टूटते सितारों की उडान"

                             'टूटते सितारों की उडान'--ब--
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4-राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित श्रीमती महेश्वरी कानेरी जी सेवानिवृति के उपरांत देहरादून उत्तराखंड में निवास कर रही हैं। उनकी एक रचना का अंश देखें -

जीवन तो जीया है मैने
लेकिन कब वो अपना था?
रिश्तों के टुकडों में,
सब कुछ बँटा- बँटा था।
कभी रीति और रिवाजों
की ओढी थी चुनरी....
कभी परंपराओं का
पहना था जामा.....
आँखों में स्वप्न नहीं
समर्पण रहता , हर दम
रिश्तों का फर्ज निभाते
जीवन कब बीत गया
दायित्व के बोझ तले
बरबस मन, ये कहता
कौन हूँ मैं ? कौन हूँ मैं?.
.....................

5-सुधीनामा नामक ब्लाग की संचालिका वरिष्ठ ब्लागर सुश्री साधना वैद जी की एक रचना का अंश देखें -

........तुम्हारे घर के सामने के दरख्त की
सबसे ऊँची शाख पर
अपने मन में सालों से घुटती एक
लंबी सी सुबकी को
मैं चुपके से टाँग आयी थी
इस उम्मीद के कि कभी
पतझड के मौसम में
तेज हवा के साथ
उस दरख्त के पत्ते उडकर
तुम्हारे आंगन में आकर गिरे तो
उसके साथ वह सुबकी भी
तुम्हारी झोली में जा गिरे!...........

6-कानपुर निवासिनी सुश्री सुषमा 'आहुति' जी की एक रचना की बानगी देखिये
..........एक सवाल मेरा मुझसे ही रहता है,
क्यूं हर रिश्ता दर्द देता है?
हर खुशी के साथ क्यूं गम होता है?
होठों पर मुस्कान रहती है दिल उदास रहता है
चलते हैं तलाश में मंजिल की हम,
पर राहें मुझसे ही सवाल करती हैं।............

     इस काव्य-संग्रह में सम्मिलित प्रमुख व्लागर सर्वश्री रूप चंद्र जी शास्त्री 'मयंक' आदि कुछ रचनाकारों के नाम हिन्दी कविता की प्रतिष्ठित वेवसाइट । कविताकोश में भी उपलब्ध हैं अतः उनके पन्ने पर इस काव्य-संग्रह का लिंक ... भी कविताकोश में जोड दिया गया है जिसे पढने के लिये इस लिंक पर क्लिक करते हुये पहुंचा जा सकता है ।

     इस कविता-संग्रह को । हिन्दी विकीपीडिया पर उपलब्ध हिन्दी पुस्तकों की सूची में भी जोडा गया है जो अभी अपने प्रारंभिक स्वरूप में है ...

     यदि आप चाहें तो स्वयं भी इसमें पठनीय सामग्रियों को जोड कर इसे और अधिक विकसित कर सकते हैं।

     प्रकाशित काव्य संग्रह को आशीर्वाद देते पूज्यनीय पिता जी

     आप को भारतीय नारी परिवार की ओर से नव वर्ष ''२०१२'' की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ ढेरों बधाइयाँ।

--प्रस्तुतकर्ता-अशोक कुमार शुक्ला
(शनिवार, 31 दिसंबर 2011)
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              (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-भारतीय नारी.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-26.11.2022-शनिवार.