ग्यानकोश-हमें नींद क्यों आती है ?

Started by Atul Kaviraje, November 26, 2022, 09:42:20 PM

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Atul Kaviraje

                                      "ग्यानकोश"
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मित्रो,

     आज पढते है, प्रमोद जोशी, इनके "ग्यानकोश" इस ब्लॉग का एक लेख.

     हमें नींद क्यों आती है? और ये अधिकतर रात में ही क्यों आती है?

     वास्तव में इस सवाल ने पुराने जमाने से अब तक वैज्ञानिकों को उलझन में डाल रखा है। मोटे तौर पर माना जाता है कि हम दिनभर की मेहनत मे जो ऊर्जा खर्च करते हैं, वह आराम करने से ठीक हो जाती है। पर सच यह है कि एक रात की नीद में हम करीब 50 केसीएल कैलरी बचाते हैं। एक रोटी के बराबर। वास्तविक जरूरत शरीर की नहीं मस्तिष्क की है। यदि हम लम्बे समय तक न सोएं तो हमारी सोचने-विचारने की शक्ति, वाणी और नजरों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। वैज्ञानिकों ने नीद की कई श्रिणियाँ बनाईं हैं। इसके दौरान ही हम सपने देखते हैं। हमारा मानसिक विकास भी होता है।

     रात में सोने की प्रवृत्ति हमारे जैविक विकास का हिस्सा है। हम अनेक जंगली जानवरों की तरह रात में शिकार करके नहीं खाते हैं। हमारी निगाहें दिन की रोशनी में बेहतर काम करती हैं। ऐसा करते हुए कई लाख साल बीत गए हैं। हमारे शरीर में एक घड़ी है जिसे जैविक घड़ी कहते हैं। उसने हमारे रूटीन दिन और रात के हिसाब से बनाए हैं। जब हम निरंतर रात की पालियों में काम करते हैं तो शरीर उसके हिसाब से काम करने लगता है, पर शुरूआती दिनों में दिक्कतें पेश आती हैं।
--अतुल कुमार जरारिया, एमपी

प्रोटोकॉल क्या होता है? यह कब और किस काम में आता है?

प्रोटोकॉल का सामान्य अर्थ शिष्टाचार या कुछ मान्य सिद्धांत है। जैसे डिप्लोमैसी में काम करने के तौर-तरीके होते हैं। प्रोटोकॉल का एक आशय संधियों और समझौतों से भी होता है। इसका एक अर्थ मर्यादाओं से भी है।
--निशा हरिसिंगानी , बूंदी राजस्थान

किसी चीज का इंश्योरेंस करने का क्या फायदा होता है? पैसे तो इंश्योरेंस करवाने वाले के ही होते हैं। फिर इसे करवाने का क्या फायदा है?

इंश्योरेंस को पैसों के निवेश के रूप में नहीं देखना चाहिए। इसे एक जोखिम से सुरक्षा का शुल्क मानना चाहिए। यदि किसी व्यक्ति ने अपने जीवन का बीमा कराया है तब इसका अर्थ यह हुआ कि यदि दुर्भाग्य से उस व्यक्ति का देहांत हो जाए तो उसके आश्रितों को एक तयशुदा राशि मिल जाए। ऐसा बीमा जीवन के अलावा मोटर गाड़ियों, चल और अचल सम्पत्ति का या स्वास्थ्य सेवाओं का भी हो सकता है।
--सागर, जयपुर

(राजस्थान पत्रिका के सप्लीमेंट मी नेक्स्ट के कॉलम नॉलेज कॉर्नर में प्रकाशित)

--प्रमोद जोशी
(Saturday, December 31, 2011)
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               (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-ग्यानकोश.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-26.11.2022-शनिवार.