लता मंगेशकर-सरणार कधी रण प्रभू तरी

Started by Atul Kaviraje, November 27, 2022, 09:18:48 PM

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Atul Kaviraje

मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज ऐकुया, "काही गाणी आठवणीतली, काही साठवणीतली !" या गीत-मालिके -अंतर्गत, श्रीमती लता मंगेशकर यांनी गायिलेले एक गीत. या गीताचे शीर्षक आहे- "सरणार कधी रण प्रभू तरी"

                               "सरणार कधी रण प्रभू तरी"
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सरणार कधी रण प्रभू तरी
हे कुठवर साहू घाव शिरी

दिसू लागले अभ्र सभोती
विदीर्ण झाली जरी ही छाती
अजून जळते आंतर ज्योती
कसा सावरु देह परी

होय तनूची केवळ चाळण
प्राण उडाया बघती त्यातून
मिटण्या झाले अधीर लोचन
खङग गळाले भूमीवरी

पावन खिंडीत पाऊल रोवून
शरीर पिंजेतो केले रण
शरणागतीचा अखेर ये क्षण
बोलवशील का आता घरी

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गीत :कुसुमाग्रज
गायक :लता मंगेशकर
संगीत :पं.हृदयनाथ मंगेशकर
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--प्रकाशक : शंतनू देव
(WEDNESDAY, APRIL 13, 2011)
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                 (साभार आणि सौजन्य-माणिक-मोती.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                            (संदर्भ-♫ गाणीमराठी.com ♫♪)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-27.11.2022-रविवार.