नन्हे - मुन्नों के लिए-कविता-लाल परी

Started by Atul Kaviraje, November 27, 2022, 09:39:16 PM

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Atul Kaviraje

                                  "नन्हे - मुन्नों के लिए"
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मित्रो,

     आज पढते है, पल्लवी गोयल, इनके "नन्हे-मुन्नों के लिए" इस ब्लॉग की एक कविता. इस कविता का शीर्षक है- "लाल परी"

                                       लाल परी--
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सुर्ख गुलाब राजा पृथ्वी का
स्वर्ग लोक की मैं  रानी
गुलाब ,गुलाल ,गोल सूरज से
रंग लेने की ठानी
शोख , चंचल , अतुल्य सुंदरी
लाल परी  की यही कहानी
   

चम चम चमकता जल प्रतिबिंब
जब परी  लोक चमकाता
सुनसान अँधेरी रातों का जुगनू
जब धरती पर दीप जलाता
मंद बयार बहती हौले से
जब पत्तों को छू जाती
परी लोक की लाल परी  तब
इस रुपहली  दुनिया में आती

--प्रस्तुतकर्ता-पल्लवी गोयल
(मंगलवार, 3 नवंबर 2015)
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              (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-नन्हे-मुन्नों के लिए.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-27.11.2022-रविवार.