जिंदगी पर आधारित कविता-पुष्प क्रमांक-92-अब तन्हाइयां अच्छी लगने लगी है..

Started by Atul Kaviraje, November 29, 2022, 08:57:21 PM

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Atul Kaviraje

                               "जिंदगी पर आधारित कविता"
                                      पुष्प क्रमांक-92
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मित्रो,

     आईए सुनतें है, पढते है, कुछ जिंदगी पर आधारित दिलचस्प रचनाये, कविताये. प्रस्तुत है कविताका पुष्प क्रमांक-92. इस कविता का शीर्षक है- "अब तन्हाइयां अच्छी लगने लगी है.."

     अगर आप भी इंटरनेट पर ढूंढ़ रहे थे लोकप्रिय हिंदी कविताएं तो बिल्कुल सही जगह पर हैं। हम लेकर आए हैं खास आपके लिए जिंदगी पर आधारित 35+ बेहतरीन कविताएं हिंदी में। इन कविताओं में कवि ने बहुत ही बेहतरीन तरीके से जीवन का वर्णन किया है। इनमें आपको जीवन के शुरू होने से लेकर खत्म होने तक, जीवन में आने वाले सभी पड़ावों ( सुख-दुःख, प्यार-मोहब्बत, दर्द, परेशानी ) के बारे में बखूबी बताया गया है।

     दोस्तों आपको तो पता ही है आजकल की दुनिया में लोग इतने व्यस्त हो गए हैं कि अपनी ज़िन्दगी को सही ढंग से नही जी पा रहे और हमेशा उलझनों में घिरे रहना, छोटी छोटी बातों पर परेशान होना, हमेशा काम में बिज़ी रहना जैसे काम ही उनकी ज़िन्दगी में रह गया है। उन्हें पता ही नहीं जीवन का मतलब क्या होता है। यहां पर कवि ने इन कविताओं के माध्यम से यही बताने का प्रयास किया है कि जिंदगी का सही मतलब क्या है। आपको इन कविताओं से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा जो आपकी ज़िन्दगी बदल देंगी।अभी पढ़ना शुरू कीजिए इस पोस्ट( hindi poems on life ) को और सुखमय जीवन का आनंद लीजिए और अपने मित्रों और परिवार वालों को भी सुनाईए उन्हें भी यह poetry जरूर पसंद आएगी।

ज़िन्दगी पर कविताएँ : अब तन्हाइयां अच्छी लगने लगी है..--
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                           "अब तन्हाइयां अच्छी लगने लगी है.."
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अब तन्हाइयां अच्छी लगने लगी है..
मुझे तन्हा ही रहने दो।
क्या कहती है दुनियां अब प्रवाह नहीं मुझको।
जिसको जो कहना है कहने दो।
अब तन्हाइयां अच्छी......

भागदौड़ का वक्त जाता रहा।
बचपन गया जवानी गई।
अब समझने लगे हैं कुछ कुछ दुनियां को।
ख़ामोश रहने दो।
अब तन्हाइयां अच्छी....

मनोज एक दौर था।
बहुत भाग-दौड़ थी जिंदगी में।
हलचल थी, बेचैनी थी,
बेकरारी थी जिंदगी में।
अच्छा भी लगता था।
पर अब दिल कहता है बस,
रहने दो।
अब तन्हाइयां अच्छी.....

--✍🏻 MANOJ
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                (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-फंकी लाईफ.इन/हिंदी-पोएटरी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-29.11.2022-मंगळवार.