सुरेश वाडकर-धरिला वृथा छंद

Started by Atul Kaviraje, November 29, 2022, 09:14:48 PM

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Atul Kaviraje

मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज ऐकुया, "काही गाणी आठवणीतली, काही साठवणीतली !" या गीत-मालिके -अंतर्गत, श्री सुरेश वाडकर यांनी गायिलेले एक गीत. या गीताचे शीर्षक आहे- "धरिला वृथा छंद"

                                  "धरिला वृथा छंद"
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धरिला वृथा छंद
नव्हतेच जर फूल, कोठून मकरंद?

जरि जीव हो श्रांत
नाही तृषा शांत
जलशून्य आभास शोधित मृग अंध

झाले तुझे भास
मी रोधिले श्वास
माझीच मज आस घाली असा बंध

पथ सर्व वैराण
पायी नुरे त्राण
माझेच घर आज झाले मला बंद

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गायक:सुरेश वाडकर
संगीत:श्रीनिवास खळे
गीत:मंगेश पाडगावकर
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--प्रकाशक : शंतनू देव
(MONDAY, APRIL 11, 2011)
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                  (साभार आणि सौजन्य-माणिक-मोती.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                              (संदर्भ-♫ गाणीमराठी.com ♫♪)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-29.11.2022-मंगळवार.