जिंदगी पर आधारित कविता-पुष्प क्रमांक-94-मै जो चाहता हूँ वो क्यों नहीं होता

Started by Atul Kaviraje, December 01, 2022, 09:02:40 PM

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Atul Kaviraje

                               "जिंदगी पर आधारित कविता"
                                       पुष्प क्रमांक-94
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मित्रो,

     आईए सुनतें है, पढते है, कुछ जिंदगी पर आधारित दिलचस्प रचनाये, कविताये. प्रस्तुत है कविताका पुष्प क्रमांक-94. इस कविता का शीर्षक है- " मै जो चाहता हूँ वो क्यों नहीं होता "

     अगर आप भी इंटरनेट पर ढूंढ़ रहे थे लोकप्रिय हिंदी कविताएं तो बिल्कुल सही जगह पर हैं। हम लेकर आए हैं खास आपके लिए जिंदगी पर आधारित 35+ बेहतरीन कविताएं हिंदी में। इन कविताओं में कवि ने बहुत ही बेहतरीन तरीके से जीवन का वर्णन किया है। इनमें आपको जीवन के शुरू होने से लेकर खत्म होने तक, जीवन में आने वाले सभी पड़ावों ( सुख-दुःख, प्यार-मोहब्बत, दर्द, परेशानी ) के बारे में बखूबी बताया गया है।

     दोस्तों आपको तो पता ही है आजकल की दुनिया में लोग इतने व्यस्त हो गए हैं कि अपनी ज़िन्दगी को सही ढंग से नही जी पा रहे और हमेशा उलझनों में घिरे रहना, छोटी छोटी बातों पर परेशान होना, हमेशा काम में बिज़ी रहना जैसे काम ही उनकी ज़िन्दगी में रह गया है। उन्हें पता ही नहीं जीवन का मतलब क्या होता है। यहां पर कवि ने इन कविताओं के माध्यम से यही बताने का प्रयास किया है कि जिंदगी का सही मतलब क्या है। आपको इन कविताओं से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा जो आपकी ज़िन्दगी बदल देंगी।अभी पढ़ना शुरू कीजिए इस पोस्ट( hindi poems on life ) को और सुखमय जीवन का आनंद लीजिए और अपने मित्रों और परिवार वालों को भी सुनाईए उन्हें भी यह poetry जरूर पसंद आएगी।

ज़िन्दगी पर कविताएँ :  मै जो चाहता हूँ वो क्यों नहीं होता--
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                           "मै जो चाहता हूँ वो क्यों नहीं होता"
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किसी दिन जिंदगानी में करिश्मा क्यूँ नहीं होता
मैं हर दिन जाग तो जाता हूँ ज़िंदा क्यूँ नहीं होता

मिरी इक जिंदगी के कितने हिस्से-दार हैं लेकिन
किसी की ज़िंदगी में मेरा हिस्सा क्यूँ नहीं होता

जहाँ में यूँ तो होने को बहुत कुछ होता रहता है
मैं जैसा सोचता हूँ कुछ भी वैसा क्यूँ नहीं होता

हमेशा तंज़ करते हैं तबीयत पूछने वाले
तुम अच्छा क्यूँ नहीं करते मैं अच्छा क्यूँ नहीं होता

ज़माने भर के लोगों को किया है मुब्तला तू ने
जो तेरा हो गया तू भी उसी का क्यूँ नहीं होता।

--AUTHOR UNKNOWN
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                (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-फंकी लाईफ.इन/हिंदी-पोएटरी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-01.12.2022-गुरुवार.