उषा मंगेशकर-केळीचे सुकले बाग, असुनिया पाणी

Started by Atul Kaviraje, December 03, 2022, 10:07:44 PM

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Atul Kaviraje

मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज ऐकुया, "काही गाणी आठवणीतली, काही साठवणीतली !" या गीत-मालिके -अंतर्गत, श्रीमती उषा मंगेशकर यांनी गायिलेले एक गीत. या गीताचे शीर्षक आहे- "केळीचे सुकले बाग, असुनिया पाणी"

                           "केळीचे सुकले बाग, असुनिया पाणी"
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केळीचे सुकले बाग, असुनिया पाणी
कोमेजलि कवळी पाने, असुनि निगराणी

अशी कुठे लागली आग, जळति जसे वारे
कुठे तरी पेटला वणवा, भडके बन सारे

किती दूरचि लागे झळ, आंतल्या जीवा
गाभ्यातिल जीवनरस, सुकत ओलावा

किती जरी घातले पाणी, सावली केली
केळीचे सुकले प्राण, बघुनि भवताली

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गीत - आ.रा.देशपांडे 'अनिल'
संगीत - यशवंत देव
स्वर - उषा मंगेशकर
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--प्रकाशक : शंतनू देव
(TUESDAY, MARCH 29, 2011)
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                 (साभार आणि सौजन्य-माणिक-मोती.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                             (संदर्भ-♫ गाणीमराठी.com ♫♪)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-03.12.2022-शनिवार.