जिंदगी पर आधारित कविता-पुष्प क्रमांक-97-जिंदगी है चार दिन की

Started by Atul Kaviraje, December 04, 2022, 09:16:32 PM

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Atul Kaviraje

                              "जिंदगी पर आधारित कविता"
                                     पुष्प क्रमांक-97
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मित्रो,

     आईए सुनतें है, पढते है, कुछ जिंदगी पर आधारित दिलचस्प रचनाये, कविताये. प्रस्तुत है कविताका पुष्प क्रमांक-97. इस कविता का शीर्षक है- "जिंदगी है चार दिन की"

     अगर आप भी इंटरनेट पर ढूंढ़ रहे थे लोकप्रिय हिंदी कविताएं तो बिल्कुल सही जगह पर हैं। हम लेकर आए हैं खास आपके लिए जिंदगी पर आधारित 35+ बेहतरीन कविताएं हिंदी में। इन कविताओं में कवि ने बहुत ही बेहतरीन तरीके से जीवन का वर्णन किया है। इनमें आपको जीवन के शुरू होने से लेकर खत्म होने तक, जीवन में आने वाले सभी पड़ावों ( सुख-दुःख, प्यार-मोहब्बत, दर्द, परेशानी ) के बारे में बखूबी बताया गया है।

     दोस्तों आपको तो पता ही है आजकल की दुनिया में लोग इतने व्यस्त हो गए हैं कि अपनी ज़िन्दगी को सही ढंग से नही जी पा रहे और हमेशा उलझनों में घिरे रहना, छोटी छोटी बातों पर परेशान होना, हमेशा काम में बिज़ी रहना जैसे काम ही उनकी ज़िन्दगी में रह गया है। उन्हें पता ही नहीं जीवन का मतलब क्या होता है। यहां पर कवि ने इन कविताओं के माध्यम से यही बताने का प्रयास किया है कि जिंदगी का सही मतलब क्या है। आपको इन कविताओं से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा जो आपकी ज़िन्दगी बदल देंगी।अभी पढ़ना शुरू कीजिए इस पोस्ट( hindi poems on life ) को और सुखमय जीवन का आनंद लीजिए और अपने मित्रों और परिवार वालों को भी सुनाईए उन्हें भी यह poetry जरूर पसंद आएगी।

ज़िन्दगी पर कविताएँ : जिंदगी है चार दिन की--
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                                "जिंदगी है चार दिन की"
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जिंदगी है चार दिन की चार दिन के हैं फसाने...
बस यूं ही कट जाएगी ये कोई माने या ना माने !

लोग भी तो जो साथ हैं साथ छोड़ जायेंगे सारे.....
यहां ना कोई साथ गया है कितने गुजरे जमाने !

कुछ को हैं गिले किसी से कुछ को शिकवे पुराने.
गिलें शिकवों में जो रूठे एकबार फिर कहां है माने !

क्या साथ लेकर थे आए क्या साथ लेकर है जाना....
कर लो सब अरमान पूरे गम यहीं पर है रह जाने !

जियो जीवन को हर पल जैसे ये पल आख़िरी हो .
सब को कहां मिल पाते हैं जीवन के छुपे खज़ाने !

– बबिता "राही"
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                 (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-फंकी लाईफ.इन/हिंदी-पोएटरी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-04.12.2022-रविवार.