सुमन कल्याणपुर-जिथे सागरा धरणी मिळते

Started by Atul Kaviraje, December 05, 2022, 09:37:56 PM

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Atul Kaviraje

मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज ऐकुया, "काही गाणी आठवणीतली, काही साठवणीतली !" या गीत-मालिके -अंतर्गत, श्रीमती सुमन कल्याणपुर यांनी गायिलेले एक गीत. या गीताचे शीर्षक आहे-  "जिथे सागरा धरणी मिळते"

                               "जिथे सागरा धरणी मिळते"
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जिथे सागरा धरणी मिळते
तिथे तुझी मी वाट पहाते ||

डोंगर दरीचे सोडून घर ते
पल्लव पाचूचे तोडून नाते
हर्षाचा जल्लोष करुनि जेथे
प्रीत नदीशी एकरूप ते ||

वेचित वाळूत शंख शिंपले
रम्य बाल्य ते जिथे खेळले
खेळाचा उल्हास रंगात येऊनी
धुंदित यौवन जिथे डोलते ||

बघुनि नभीची चंद्रकोर ती
सागर हृदयी उर्मी उठते
सुखदु:खाची जेथे सारखी
प्रीत जीवना ओढ लागते ||

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गायक: सुमन कल्याणपुर
संगीत: वसंत प्रभू
गीत: पी. सावळाराम
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--प्रकाशक : शंतनू देव
(FRIDAY, MARCH 25, 2011)
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                 (साभार आणि सौजन्य-माणिक-मोती.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                            (संदर्भ-♫ गाणीमराठी.com ♫♪)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-05.12.2022-सोमवार.