मिट्टी की महक-कविता-प्यार है तुमसे

Started by Atul Kaviraje, December 09, 2022, 09:33:07 PM

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Atul Kaviraje

                                     "मिट्टी की महक"
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मित्रो,

     आज पढते है, सुधा प्रजापती, इनके "मिट्टी की महक" इस कविता ब्लॉग की एक कविता. इस कविता का शीर्षक है- "प्यार है तुमसे"

                                      प्यार है तुमसे--
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दिल की धड़कन संभाले बैठे है
इंतज़ार में उनके
कभी मिलोगे तो बताएंगे
कितनी चाहत है तुमसे

प्यास नज़रों की संभाले बैठे हैं
इन्कार पे उनके
कभी मिलोगे तो बताएंगे
पतझड़ में बहार है तुमसे

ज़िन्दगी उनपर लुटाये बैठे हैं
ऐतबार पे उनके
कभी मिलोगे तो बताएंगे
मेरी हर सांस है तुमसे

अपनी पलकें झुकाए बैठे हैं
इकरार में उनसे
कभी मिलोगे तो बताएंगे
मुझे प्यार ... प्यार है तुमसे ..... 

--प्रस्तुतकर्ता-सुधा प्रजापती 
(बुधवार, 12 सितंबर 2012)
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              (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-मिट्टी की महक.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-09.12.2022-शुक्रवार.