लफ़्ज़ों का खेल-सड़क-2-दिल की पुरानी सड़क पर...

Started by Atul Kaviraje, December 11, 2022, 09:36:12 PM

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Atul Kaviraje

                                    "लफ़्ज़ों का खेल"
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मित्रो,

     आज सुनते है, "लफ़्ज़ों का खेल" इस शीर्षक के अंतर्गत, "समिध मुखर्जी, के.के." की आवाज मे "सड़क-2" फिल्म का गीत.

                               "दिल की पुरानी सड़क पर..."
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दिल की पुरानी सड़क पर
बदला तो कुछ भी नहीं
मुझे थाम कर चल रहा है
तू ही बस तू ही हर कहीं

नए फूल दिल की ज़मीं पे खिलेंगे
है मिलना हमें फिर से मिल के रहेंगे
सितारे वही हैं वही आसमाँ हैं
मेरी धड़कनों में तेरी दास्ताँ है
मैं आवारा लम्हा तू मेरा मकाँ
कैसे जुदा होते हम तुम
बिछड़े ही जब हम नहीं
मुझे थाम कर चल रहा है...

न साँसों से शिकवा
न मिटने का डर है
तुझी से तुझी तक ये मेरा सफ़र है
तुझे सोचता हूँ तो ख़ुशबू सी बरसे
अंधेरों से मेरे उजाले यूँ छलके
के दरिया बहे जैसे इक नूर का
तू रूह का हमनवा है
ये जिस्मों का रिश्ता नहीं
मुझे थाम कर चल रहा है...

दिल की पुरानी सड़क पर...

पिघलता ये सूरज कहे ढलते ढलते
दोबारा ना आयेंगे पल लौट कर ये
नसीबों से मिलती है नज़दीकियाँ ये
तू जाते लम्हों को गले से लगा ले
के थमता नहीं वक़्त का कारवाँ

ऐ मालिक बस इतना बता दे
क्यूँ ऐसी है तेरी ज़मीं
जिसे हमसफ़र हम बनाए
वही छूट जाए कहीं

दिल की पुरानी सड़क पर...

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दिल की पुरानी सड़क -Dil Ki Purani Sadak
Movie/Album: सड़क-2 (2020)
Music By: समिध मुखर्जी, उर्वी
Lyrics By: विजय विजावत
Performed By: समिध मुखर्जी, के.के.
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               (साभार एवं सौजन्य-हिंदी लैरिकस प्रतीक.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                       (संदर्भ-Lyrics In Hindi-लफ़्ज़ों का खेल)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-11.12.2022-रविवार.