लोकतंत्र संवाद मंच-कविता-हम नव वर्ष की प्रतीक्षा में हैं।

Started by Atul Kaviraje, December 11, 2022, 09:57:47 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                   "लोकतंत्र" संवाद मंच"
                                  --------------------

मित्रो,

     आज पढते है, 'एकलव्य', इनके "लोकतंत्र" संवाद मंच" इस ब्लॉग की एक कविता. इस कविता का शीर्षक है- "हम नव वर्ष की प्रतीक्षा में हैं।"

                             हम नव वर्ष की प्रतीक्षा में हैं।--
                            --------------------------

हम नव वर्ष की प्रतीक्षा में हैं।
ज़ाहिर है होना भी चाहिए परन्तु प्रश्न यह है वह कौन व्यक्ति है ?
जिसे नया हो या पुराना, ख़ुशी हो या ग़म
कोई फ़र्क नहीं पड़ता।
महलों में रहने वाले वे धनाढ्य लोग !
जिन्हें पटाखा जलाने से फुर्सत नहीं
अथवा
वे जिन्हें नया वर्ष मंगलमय टाईप करने से परहेज़ नहीं !
अथवा वे
अरे ! सुनती हो आज सौ रुपये मिल ही गए ,
मंडी में सामान ढोने का काम मिल गया। और सुनो !
आज रोटी के साथ तरकारी भी बना लेना।
बहुत दिन हो गए,दर्शन नहीं किये इन दोनों के।
चलिए अच्छा हुआ !
मैं भी कुछ बनाने जा रहा हूँ।
आप भी आनंद उठाइये तंगी का !

--प्रस्तुतकर्ता-'एकलव्य'
(शुक्रवार, 29 दिसंबर 2017)
---------------------------

              (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-लोकतंत्र संवाद.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
             ----------------------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-11.12.2022-रविवार.