लफ़्ज़ों का खेल-एक महल हो सपनों का-देखा है ज़िन्दगी को

Started by Atul Kaviraje, December 12, 2022, 09:22:29 PM

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Atul Kaviraje

                                    "लफ़्ज़ों का खेल"
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मित्रो,

     आज सुनते है, "लफ़्ज़ों का खेल" इस शीर्षक के अंतर्गत, "किशोर कुमार" की आवाज मे "एक महल हो सपनों का" फिल्म का गीत.

                                 "देखा है ज़िन्दगी को"
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देखा है ज़िन्दगी को, कुछ इतना करीब से
चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से
देखा है ज़िन्दगी को...

कहने को दिल की बात, जिन्हें ढूँढते थे हम
महफ़िल में आ गए हैं वो अपने नसीब से
देखा है ज़िन्दगी को...

नीलाम हो रहा था किसी नाज़नीं का प्यार
क़ीमत नहीं चुकाई गई एक गरीब से
देखा है ज़िन्दगी को...

तेरी वफ़ा की लाश पे, ला मैं ही डाल दूँ
रेशम का ये कफ़न, जो मिला है रक़ीब से
देखा है ज़िन्दगी को...

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देखा है ज़िन्दगी को - Dekha Hai Zindagi Ko 
Movie/Album: एक महल हो सपनों का (1975)
Music By: रवि
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: किशोर कुमार
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               (साभार एवं सौजन्य-हिंदी लैरिकस प्रतीक.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                       (संदर्भ-Lyrics In Hindi-लफ़्ज़ों का खेल)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-12.12.2022-सोमवार.