साहित्यशिल्पी-सामाजिक सरोकारों के गाँधीवादी कवि -भवानी प्रसाद मिश्र -

Started by Atul Kaviraje, December 16, 2022, 09:00:25 PM

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Atul Kaviraje

                                      "साहित्यशिल्पी"
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मित्रो,

     आज पढते है, "साहित्यशिल्पी" शीर्षक के अंतर्गत, सद्य-परिस्थिती पर आधारित कविताये .

                 सामाजिक सरोकारों के गाँधीवादी कवि -भवानी प्रसाद मिश्र -- 
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भवानी प्रसाद मिश्र की कालजयी रचनाएँ -

--5. दरिंदा
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दरिंदा
आदमी की आवाज़ में
बोला

स्वागत में मैंने
अपना दरवाज़ा
खोला

और दरवाज़ा
खोलते ही समझा
कि देर हो गई!

मानवता
थोड़ी बहुत जितनी भी थी
ढेर हो गई!

--भवानी प्रसाद मिश्र
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सुशील कुमार शर्मा
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                     (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-साहित्यशिल्पी.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-16.12.2022-शुक्रवार.