ज़िदगी का घोर अंधेरा

Started by शिवाजी सांगळे, December 21, 2022, 01:18:50 AM

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शिवाजी सांगळे

ज़िदगी का घोर अंधेरा

ज़िदगी का घोर अंधेरा उम्मीदों का बिखरा सवेरा
ना कर नादानी जीवन में आशाओं का ले सहारा

दुनियाका दस्तूर है ऐसा कौन मिलें किसे चाहासा
नहीं छोडना जिद्द अपनी मिलेगा तुम्हें कोई प्यारा

गुजरे समय के लिए बिल्कुल अब ना आसूं बहाना
अच्छाई कि सोच रखते जैसे तैसे होगा सपना पूरा

पहचान दु:ख कि हमेशा सच्चाई का ग्यान दिलाएं
लडकर ही कठिनाइयों से होगा साध्य ध्येय तुम्हारा

©शिवाजी सांगळे 🦋papillon
संपर्क: +९१ ९५४५९७६५८९
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