लफ़्ज़ों का खेल-शगुन-बुझा दिए हैं ख़ुद अपने हाथों

Started by Atul Kaviraje, December 23, 2022, 10:34:18 PM

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Atul Kaviraje

                                     "लफ़्ज़ों का खेल"
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मित्रो,

     आज सुनते है, "लफ़्ज़ों का खेल" इस शीर्षक के अंतर्गत, "सुमन कल्याणपुर" की आवाज मे "शगुन" फिल्म का गीत.

                              "बुझा दिए हैं ख़ुद अपने हाथों"
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बुझा दिए हैं ख़ुद अपने हाथों
मोहब्बतों के दीये जला के
मेरी वफ़ा ने उजाड़ दी हैं
उम्मीद की बस्तियाँ बसा के

तुझे भुला देंगे अपने दिल से
ये फ़ैसला तो किया है लेकिन
न दिल को मालूम है न हम को
जियेंगे कैसे तुझे भुला के
बुझा दिए हैं ख़ुद अपने...

कभी मिलेंगे जो रास्ते में
तो मुँह फिरा कर पलट पड़ेंगे
कहीं सुनेंगे जो नाम तेरा
तो चुप रहेंगे नज़र झुका के

न सोचने पर भी सोचती हूँ
कि ज़िंदगानी में क्या रहेगा
तेरी तमन्ना को दफ़्न कर के
तेरे ख़यालों से दूर जा के
बुझा दिए हैं ख़ुद अपने...

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बुझा दिए हैं - Bujha Diye Hain
Movie/Album: शगुन (1964)
Music By: ख़य्याम
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: सुमन कल्याणपुर
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               (साभार एवं सौजन्य-हिंदी लैरिकस प्रतीक.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
                      (संदर्भ-Lyrics In Hindi-लफ़्ज़ों का खेल)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-23.12.2022-शुक्रवार.