आत्म रंजन-72 वे स्वतंत्रता दिवस पर विशेष

Started by Atul Kaviraje, December 23, 2022, 10:51:31 PM

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Atul Kaviraje

                                      "आत्म रंजन"
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मित्रो,

     आज पढते है, अचल पांडे, इनके "आत्म रंजन" इस ब्लॉग का एक लेख. इस ब्लॉग का शीर्षक है- "72 वे स्वतंत्रता दिवस पर विशेष"

                           "72 वे स्वतंत्रता दिवस पर विशेष"
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     सभी देशवासीयो को सादर नमस्कार.

     आज हम सभी 72 वे आजादी दिवस को  मना रहे हैं। चहूँ ओर से देश तिरंगे में रंगा हुआ है,देश प्रेम की लहर हवाओ में बह रही है और आजादी का जश्न बडी धूमधाम से मनाया जा रहा है पर इन सबके बीच एक बात का बडा अफसोस है की विविधताओं के इस देश में जो एकता का रंग दिखाई देता था वो आज फीका दिख रहा है अफसोस है की आज धर्म-मजहब देश से ऊँचा हो गया है कुछ लोगों के लिए। आज तो बधाईयों में भी धार्मिक रंग चढा हुआ,कोई देश को अपने  धर्म से जोड रहा है तो कोई मजहब से और इस तरह देश की एकता पर खतरे का बादल मँडराने लगा है।

     आज सवाल है मेरा आप सभी से कि  अगर एक पेड़ पर तमाम विविधताओं के साथ फूल,पत्ते,फल,पक्षी,वानर,सर्प आदि मिल जुलकर एक साथ प्रेम से रह सकते हैं तो प्रकृती को पूजने वाला ये देश क्यु एकता में घुट रहा है। शायद भूल रहा है ये देश की फिरंगियों से आजादी तो 1857 में मिल जाती पर उस वक्त तक तो सब अलग अलग होकर एक ही दुश्मन से अपने अपने हक की लड़ाई लड़ रहे थे और यही कारण था जो उन दुष्ट फिरंगियों से हम जीत ना सके और जब 1947 को हमे आजादी मिली तो उसके पीछे सबसे बड़ा कारण देश की एकता थी। उस वक्त ना कोई हिंदू था ना मुस्लिम हर कोई राष्ट्रवादी था और राष्ट्र हित में मन,कर्म और वचन से समर्पित था । ये जो आजादी की साँस आज हम सब ले रहे हैं  ये उन्ही देश पर मर मिटने वालों की क़ुरबानीयो का नतीजा है जो अपने धार्मिक चोले को छोड बस एक ही राग अलापते थे "मेरा रंग दे बसंती चोला मेरा रंग दे बसंती चोला "......

     आज आजादी की 72 वी वर्षगांठ है इस अवसर पर यही कामना है की ये आजादी सदा बनी रहे और देश उन्नती की ओर बढता रहे पर सवाल यह है की बँट कर क्या ऐसा  संभव है?

     कभी अपने धर्म मजहब के बैर से फुर्सत मिले तो विचार  कीजिएगा  की कही आप वापस से गुलामी की ओर तो नही बढ रहे हैं?और इस तरह आपस में ही लड़ कर देश की एकता को खंडीत कर देश की खुशीय़ो का गला तो नही घोट रहे हैं?
अभी भी वक्त है समझ जाइये की देश की ताकत उसकी एकता में है उसकी अखंडता में है। टुकड़ों में बँटकर देश का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा और अगर बँटना ही था तो फिर तो व्यर्थ थी आजादी के परवानो की वो सारी कुरबानीयाँ।

अभी भी कुछ नही बिगडा है
छोड दीजिए अपने ही देशवासियो से ये बेवजह की दुश्मनी
और साथ मिलकर वतन के लिए
लड़िए वतन के दुश्मनों से लड़िए
अन्यथा आगे आप सब खुद समझदार हैं

हम तो बस जाते जाते इतना ही कहेंगे कि भारतीय तो आप सभी हैं पर आप सब में सच्चा देशभक्त वही है
जिसके लिए ना कोई हिंदू है ना मुसलमान हर भारतीय है माँ भारती की संतान
जिसके लिए ना रंग हरा है ना भगवा बस तिरंगा है उसका अपना
आप सभी भारतीयों को आँचल की ओर से स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ

             जय हिंद जय भारत
                  वंदे मातरम
                     
--अचल पांडे 
(Wednesday, 15 August 2018)
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                (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-अचल पांडे.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-23.12.2022-शुक्रवार.